Teachers Day 2021 : लगातार दूसरे साल नहीं बंटेंगे उच्च शिक्षा के राज्य पुरस्कार
Teachers Day 2021 : प्रदेश में ऐसा पहली बार होगा जब उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से दिए जाने वाले राज्य पुरस्कार लगातार दूसरी बार नहीं दिए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने इस बार तो आवेदन ही आमंत्रित नहीं किया है। शिक्षक दिवस के मौके पर दिए जाने वाले इन पुरस्कारों के लिए आवेदन न मांगे जाने पर शिक्षक संगठनों की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आ रही है।राज्य विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के कुल नौ शिक्षकों को उनकी विशिष्ट उपलब्धियों के आधार पर प्रतिवर्ष ‘सरस्वती पुरस्कार’ और ‘शिक्षकश्री पुरस्कार’ दिए जाते हैं।
सरस्वती पुरस्कार के लिए तीन और शिक्षकश्री पुरस्कार के लिए छह शिक्षक चुने जाते हैं। ये पुरस्कार बसपा के शासनकाल में शुरू किए गए थे। सरस्वती पुरस्कार पाने वाले को तीन लाख रुपये और शिक्षकश्री पुरस्कार पाने वाले को डेढ़ लाख रुपये सम्मान राशि दी जाती है। साथ ही दो वर्ष का सेवा विस्तार भी दिया जाता है। वर्ष 2019-20 में पुरस्कारों के लिए आवेदन मांगे गए थे और चयन प्रक्रिया भी पूरी की गई थी लेकिन पुरस्कारों की घोषणा रोक दी गई थी। वर्ष 2020-21 में तो इन पुरस्कारों के लिए आवेदन ही नहीं मांगे गए।
लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ और लखनऊ विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ समेत कई संगठनों से इस संबंध में मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इन संगठनों के अनुसार संभवत: कोरोना काल में अध्यापन कार्य न होने के कारण पुरस्कार नहीं दिए जा रहे हैं। संगठनों से प्रदेश सरकार से कहा है कि दोनों राज्य पुरस्कार शिक्षकों के संपूर्ण सेवाकाल के योगदान के आधार पर दिए जाते हैं न कि मात्र एक वर्ष के प्रदर्शन के आधार पर। कोरोना काल में भी शिक्षकों ने पूरे मनोयोग से आनलाइन कक्षाएं पढ़ाई हैं। ऐसे में पुरस्कार दिए जाने पर शिक्षक और अच्छे प्रदर्शन के लिए उत्साहित होते।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें