UP BEd : बीएड की परीक्षा से 300 छात्र-छात्राएं हुए वंचित, जानें वजह
बीएड में मैनेजमेंट कोटे के तहत प्रवेश लेने वाले छात्र कानून-कायदे को अवश्य जांच लें। अन्यथा प्रवेश के बाद परीक्षा और डिग्री से वंचित होना पड़ सकता है। प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय से संबद्ध अल्पसंख्यक के छह महाविद्यालयों के बीएड शैक्षिक सत्र 2020-21 के तकरीबन 300 छात्र-छात्राओं को परीक्षा से वंचित होना पड़ा है।
इन छात्र-छात्राओं का मैनेजमेंट कोटा के तहत मानक के विपरीत प्रवेश लिया गया। विश्वविद्यालय की ओर से संबद्ध कॉलेजों के बीएड छात्रों की परीक्षा 29 अक्तूबर को आयोजित की गई थी। परीक्षा में तकरीबन साढ़े बारह हजार छात्र-छात्राएं शामिल हुए। बीते साल संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी लखनऊ विश्वविद्यालय के पास थी।
अल्पसंख्यक कॉलेजों में मैनेजमेंट कोटे के तहत शैक्षिक सत्र 2020-21 में बीएड में प्रवेश लिया गया था। पीआरएसयू के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय से संबद्ध छह अल्पसंख्यक कॉलेजों ने बीएड में नियम संगत प्रवेश नहीं लिया। इसके चलते उन कॉलेजों के ऐसे छात्रों को परीक्षा से वंचित कर दिया गया। कॉलेज प्रबंधकों ने विश्वविद्यालय के खिलाफ कोर्ट में शरण ली है। प्रो. सिंह ने कहा कि कोर्ट के आदेशानुसार आगे की कार्रवाई होगी।
यह है नियम: कुलपति प्रो. सिंह बताते हैं कि मैनेजमेंट कोटे से प्रवेश लेने के लिए कॉलेज प्रशासन को पहले विज्ञापन जारी करना चाहिए। आवेदन वही छात्र-छात्राएं कर सकते हैं जिन्होंने संयुक्त प्रवेश परीक्षा दी हो और ऑनलाइन काउंसिलिंग में हिस्सा लिया हो। आवेदनों के बाद संबंधित कॉलेज को मेरिट के अनुसार प्रवेश लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय से वेरिफाई कराना चाहिए था।
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