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रविवार, 26 दिसंबर 2021

यूपी प्राइमरी स्कूलों में 23000 शिक्षकों की होगी भर्ती, जल्द जारी होगा नोटिफिकेशन; जानें- पूरी डिटेल

 


यूपी प्राइमरी स्कूलों में 23000 शिक्षकों की होगी भर्ती, जल्द जारी होगा नोटिफिकेशन; जानें- पूरी डिटेल

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में 23000 सहायक अध्यापकों की भर्ती होने जा रही है। बेसिक शिक्षा विभाग 17000 पदों के लिए नया विज्ञापन जारी करेगा, जिसमें सभी अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे। बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश द्विवेदी ने स्वीकारा कि 69000 शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी हुई थी, लगभग 6000 पदों पर आरक्षित वर्ग के उन अभ्यर्थियों को अगले माह नियुक्ति मिलेगी, जो आरक्षण में विसंगति होने पर भर्ती की चयन सूची से बाहर हो गए थे।

यूपी के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन सुप्रीम कोर्ट ने रद कर दिया था, शीर्ष कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 को आदेश दिया था कि सरकार इन पदों पर नियमित शिक्षकों की नियुक्ति करे। सरकार ने 68500 और 69000 दो सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा कराकर चयनितों को नियुक्ति दी, लेकिन शिक्षामित्रों के सारे पद नहीं भरे जा सके।

बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश द्विवेदी के अनुसार दोनों भर्तियों के बाद रिक्त 17000 पदों पर तीसरी नई शिक्षक भर्ती कराने का निर्णय लिया गया है, उसमें सभी अभ्यर्थी दावेदार बन सकेंगे। भर्ती का नया विज्ञापन जल्द निकाला जाएगा। ज्ञात हो कि शीर्ष कोर्ट आदेश दे चुका है कि शिक्षामित्रों को भर्ती में शामिल करने का एक अवसर और दिया जाए। ऐसे में तीसरी शिक्षक भर्ती में भी शिक्षामित्रों को भारांक व आयु सीमा में छूट मिलना तय है।

बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के चयन में गड़बड़ी हुई थी, जिससे आरक्षित वर्ग के करीब 6000 अभ्यर्थी चयन सूची से बाहर हो गए थे। विसंगति को दूर करने का आदेश जारी कर दिया है, संबंधित प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो रही है। अगले माह छह जनवरी को इन अभ्यर्थियों को नियुक्तिपत्र दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 30 दिसंबर को एनआइसी नए चयनित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की सूची जारी करेगा, तब वास्तविक संख्या स्पष्ट होगी।

विसंगति दूर करने की समय सारिणी

  • आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की चयन सूची तैयार : 28 दिसंबर
  • एनआइसी की ओर से दी गई सूची का परीक्षण : 29 दिसंबर
  • चयनितों की सूची का प्रकाशन वेबसाइट पर : 30 दिसंबर
  • जिलास्तर पर अभिलेखों का परीक्षण : तीन से पांच जनवरी
  • नियुक्तिपत्र वितरण : छह जनवरी

भर्ती की चयन सूची में ये हुई थी गड़बड़ी : 69000 सहायक अध्यापक भर्ती की चयन सूची बनाने में क्षैतिज आरक्षण देने में गड़बड़ी हुई। जिससे उम्दा कटआफ अंक वाली आरक्षित वर्ग की महिला अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग की सीटों पर चयन न करके उन्हें संबंधित वर्ग में ही नियुक्ति दी गई। यदि इन अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग की सीटों पर चयनित कराया जाता तो आरक्षित वर्ग के और अभ्यर्थी चयन सूची में शामिल हो जाते। अब उन्हीं को अवसर दिया जा रहा है। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अप्रैल माह में ही चयन सूची पर गंभीर सवाल उठाए थे।

चयनित हो चुके नहीं होंगे बाहर, दोषियों पर होगी कार्रवाई : बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि 69000 सहायक अध्यापक भर्ती की विसंगति दूर करने में चयनित हो चुके किसी अभ्यर्थी को बाहर नहीं किया जाएगा, बल्कि शिक्षामित्रों के रिक्त पदों के सापेक्ष नए अभ्यर्थियों को चयनित किया जाएगा। ज्ञात हो कि 68500 शिक्षक भर्ती में चयन के बाद करीब 23000 सीटें खाली थीं, उनमें से छह हजार पद आरक्षित वर्ग को और 17000 पदों पर चयन के लिए नया विज्ञापन निकाला जाना है। मंत्री ने कहा कि चयन सूची बनाने वाले अधिकारी कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। संबंधित अफसरों की जिम्मेदारी तय की जा रही है।

दोनों शिक्षक भर्तियों पर गड़बड़ी का कलंक : ये भी संयोग है कि शिक्षामित्रों का समायोजन रद होने पर सरकार ने दो भर्तियां कराई। पहली भर्ती में कापी बदलने व मूल्यांकन में गड़बड़ियां हुई थी। सरकार ने प्रभावित अभ्यर्थियों से आवेदन लेकर उत्तर पुस्तिकाओं का दोबारा मूल्यांकन कराया, जिसमें करीब साढ़े चार हजार से अधिक अभ्यर्थी चयनित हो सके थे। दूसरी भर्ती में आरक्षण देने में बड़ी विसंगति सामने आई है, जिसमें छह हजार चयनित होंगे।

आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी व प्रतियोगी दोनों खफा : बेसिक शिक्षा मंत्री के 17000 पदों पर नई शिक्षक भर्ती का ऐलान करने से प्रतियोगी खफा हैं। उनका कहना है कि साढ़े चार साल में शिक्षकों के बड़ी संख्या में पद खाली हुए हैं, सरकार ने शीर्ष कोर्ट में 51112 पद खाली होने का हलफनामा एक साल पहले दिया था, उसके बाद भी शिक्षकों के रिक्त पदों पर चयन नहीं कराया जा रहा है, सिर्फ शिक्षामित्रों के ही पद भरने के लिए भर्तियां निकाली जा रहीं। वहीं, आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का कहना है कि भर्ती चयन में गड़बड़ी 16 से 18 हजार पदों पर हुई थी, वहीं सरकार सिर्फ छह हजार पद देकर उनके साथ अन्याय कर रही है।

मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप पर छह माह बाद निकला रास्ता : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार शाम को ही आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को आश्वस्त कर दिया था कि उनकी समस्या सुलझने जा रही है। 69000 शिक्षक भर्ती की चयन सूची आने के बाद आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में शिकायत की थी। आयोग ने भी उस पर मुहर लगाई उसके बाद से अभ्यर्थी लगातार छह माह से आंदोलन कर रहे थे। भाजपा, कांग्रेस सहित अन्य पार्टी कार्यालयों, एससीईआरटी मुख्यालय व इको गार्डेन आदि पर धरना प्रदर्शन किया। सभी दलों के नेताओं, मंत्री, उपमुख्यमंत्री व मुख्यमंत्री के यहां तक अपनी आवाज पहुंचाई। इसका अब रास्ता निकल सका है।


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