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गुरुवार, 9 दिसंबर 2021

84,900 अभिभावकों के बैंक खातों में गड़बड़ी, सर्दी में ठिठुर रहे बच्चे



 84,900 अभिभावकों के बैंक खातों में गड़बड़ी, सर्दी में ठिठुर रहे बच्चे

हरदोई: उदाहरण एक: कछौना विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय हथौड़ा के बच्चे धूप में बैठे मिले। पूछने पर पता चला कि सर्दी लग रही थी, अभी स्वेटर नहीं मिल पाए हैं। जिनके पास पुराने हैं वे पहनकर आते हैं।

उदाहरण दो: कोथावां विकास खंड के संविलियन विद्यालय अश्वनीपुर के बच्चों को भी न स्वेटर मिले हैं और न ही बैग, कई बच्चों ने बताया कि उनके पिता के खाते में रुपये भी नहीं आए हैं।

उदाहरण तीन: भरावन विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय अजमपुर के बच्चों को भी अभी स्वेटर नहीं मिला है। पूछने पर पता चला कि कई बच्चों के पिता का खाता ही ठीक नहीं है तो रुपये नहीं आए।

शासन की मंशा थी कि कि बच्चों के अभिभावकों के खातों में सीधे ड्रेस, बैग, स्वेटर, जूता-मोजा के लिए रुपये भेज दिए जाएंगे तो वे गुणवत्ता पूर्ण खरीद लेंगे पर ऐसा नहीं हुआ। जिन बच्चों के अभिभावकों के खातों में रुपये पहुंच भी गए हैं, उनमें से 60 फीसद अभी खरीद नहीं पाए हैं और बाकी करीब पौने दो लाख के खातों में अभी पैसा भेजा ही नहीं गया और हद तो यह है कि 84 हजार 900 अभिभावकों के खातों में गड़बड़ी है, जिसका परिणाम बच्चे भुगत रहे हैं। खबर में शामिल तीन विद्यालय तो उदाहरण हैं, हजारों बच्चे ऐसे हैं और सर्दी शुरू हो जाने के बाद भी बिना स्वेटर और जूता-मोजा के विद्यालय आ रहे हैं।

परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को स्वेटर, ड्रेस आदि खरीदने के लिए उनके अभिभावकों के खातों में 1100-1100 रुपये भेजने की योजना बनाई गई। करीब पांच लाख तीन हजार 836 बच्चों के अभिभावकों के खातों में भेजने की प्रक्रिया में पहले चरण में अभी तक दो लाख 40 हजार 809 बच्चों के रुपये भेजे जा चुके हैं तो एक लाख 78 हजार 177 की अभी प्रक्रिया ही चल रही है, लेकिन 84900 अभिभावकों के खाते ही गड़बड़ हैं और बिना उनके ठीक किए रुपये नहीं जा पाएंगे। ज्यादातर को तो पता भी नहीं है और बच्चे परेशान घूम रहे हैं। -अभिभावकों के खातों में कई तरह की गड़बड़ी आ रही है, कुछ का खाता आधार लिक नहीं है, तो किसी का नाम सही नहीं है और किसी का खाता निष्क्रिय है। इन सभी को अध्यापकों के माध्यम से जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।--राकेश शुक्ला, जिला समन्वयक प्रशिक्षण

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