Breaking

Primary Ka Master Latest Updates | Education News | Employment News latter 👇

मंगलवार, 21 दिसंबर 2021

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के फलस्वरूप बढ़ी बेटियों की संख्या : पीएम मोदी



 बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के फलस्वरूप बढ़ी बेटियों की संख्या : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महिला सशक्तिकरण सम्मेलन को संबोधित करते हुए दावा किया कि केन्द्र सरकार की ओर से शुरु किए गए 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान का ही नतीजा है कि आज देश के तमाम राज्यों में बेटियों की संख्या में बढ़ोतरी हुयी है। पीएम ने महिला सशक्तिकरण से जुड़ी विभन्नि योजनाओं को शुरु करने के बाद सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बेटियां कोख में ही ना मारी जाएं, वो जन्म लें, इसके लिए हमने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के माध्यम से समाज की चेतना  को जगाने का प्रयास किया। आज परिणाम ए है कि देश के अनेक राज्यों में बेटियों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई है।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदत्यिनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, और प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी तथा मथुरा की सांसद हेमा मालिनी सहित केन्द्र और राज्य सरकार के वरष्ठि अधिकारी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी ने दोपहर 1:10 बजे परेड ग्रांउड में आयोजन स्थल पर पहुंच कर उत्तर प्रदेश में महिलाओं द्वारा संचालित तमाम स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की संचालकों के साथ बातचीत की।

महिलाओं के साथ लगभग आधा घंटे के संवाद के बाद मोदी ने रिमोट का बटन दबा कर प्रयागराज में 202-202 पूरक पोषण निर्माण इकाइयों का शिलान्यास कर महिलाओं द्वारा संचालित 1.60 लाख स्वयं सहायता समूहों के बैंक खाते में 1000 करोड़ रुपये की राशि ऑनलाइन ट्रांसफर की। इसके बाद उन्होंने रिमोट का बटन दबाकर 'कन्या सुमंगला योजना' के तहत एक लाख एक हजार बेटियों के बैंक खातों में 20 करोड़ रुपये की राशि को भी ऑलाइन ट्रांसफर किया।

इसके बाद जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश में पांच साल पहले तक कायम रही अराजकता का सबसे बुरा असर महिलाओं की तरक्की पर पड़ने की बात कही। उन्होंने समाजवादी पार्टी की पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार का नाम लिए बिना कहा कि 5 साल पहले यूपी की सड़कों पर माफिया राज था। यूपी की सत्ता में गुंडों की हनक हुआ करती थी। इसका सबसे बड़ा भुक्तभोगी कौन था? मेरे यूपी की बहन बेटियां थीं। उन्हें सड़क पर निकलना मुश्किल हुआ करता था। स्कूल, कॉलेज जाना मुश्किल होता था।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें