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गुरुवार, 16 दिसंबर 2021

UP 68500 शिक्षक भर्ती : आयोग ने माना आरक्षण नियमों को ठीक से लागू न करने पर अफसरों पर होगी कार्रवाई



 UP 68500 शिक्षक भर्ती : आयोग ने माना आरक्षण नियमों को ठीक से लागू न करने पर अफसरों पर होगी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने उ.प्र.प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2018 व 2019 में आरक्षण नियमों को ठीक से लागू न करने की त्रुटि को स्वीकार किया है। आयोग के अनुसार 68500 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में आरक्षित वर्ग के ओबीसी, दिव्यांग, भूतपूर्व सैनिक/स्वतंत्रता सेनानी को अर्हक अंक में 5 प्रतिशत की छूट प्रदान करने, विनियमितीकरण की प्रक्रिया में लापरवाही बरती गयी।  

आयोग के अध्यक्ष जसवंत सैनी की अध्यक्षता में बुधवार को  यहां इन्दिरा भवन स्थित आयोग के कार्यालय में पिछड़ा वर्ग आयोग की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में एवं उत्तर प्रदेश प्रा0 शिक्षक भर्ती 2018 एवं 2019 में आरक्षण नियमों को ठीक से लागू न करने के संदर्भ में विचार-विमर्श किया गया और त्रुटि को स्वीकार किया गया।बैठक में भुर्जी, भड़भूजा जाति का सर्वे कराये जाने, पिछड़े वर्ग की सूची में क्र0सं0-37 पर अंकित भुर्जी, भड़भूंजा, भूज, कांन्दू के साथ भोजवाल अंकित करने, रावत राजपूत समाज को ओबीसी की सूची में सम्मिलित करने, उ0प्र0 के अन्य पिछड़े वर्ग की जातीय सूची के क्रमांक-4 पर कहार, कश्यत के साथ ‘‘चन्द्रवंशी’’ उपजाति को रवानी ‘‘चन्द्रवंशी’’ को पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलित किये जाने, हिन्दू जाति करण/कर्ण को अलग क्रमांक देने की मांग को खारिज कर दिया गया। 

बैठक में लोध, लोधी, लोधा, लोधी राजपूत, किसान एवं खड़गवंशी लोधी नाम को पर्यायवाची मानते हुए अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलित करने, मुस्लिम मोची की उपजाति गफ्फारी को पिछड़े़ वर्ग की सूची में सम्मिलित करने, पिछड़े वर्ग की विभिन्न जातियों में विभिन्न नामों के बजाय किसी एक नाम से सूचीबद्ध किये जाने, एक ही जाति के लोगों को अनेक नामों से पुकारे जाने से रोकने, पिछड़े वर्ग की विभिन्न जातियों को अलग-अलग नामों को सिर्फ एक नाम से सूचीबद्ध करने, पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलित जाति नक्काल से हसनी करने, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग, उ0प्र0 की सर्वेक्षण रिपोर्ट एवं संस्तुतियों को सूचना अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा-8(1)(29) के अन्तर्गत प्रकट किये जाने से छूट एवं क्रीमीलेयर की आय सीमा बढ़ाये जाने सम्बंधी विषयों को आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया।


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