यूपी की 1535 आइटीआइ की मान्यता पर रोक, सीएम पोर्टल पर हुई थी शिकायत; विजिलेंस जांच की तैयारी
सख्त नियमों का हवाला देकर निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों आइटीआइ की मान्यता देने के दावे के उलट बड़े खेल का खुलासा हुआ है। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से बैंक गारंटी के नाम पर हुए खेल में नियमों को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी मान्यता दे दी है। मुख्यमंत्री के पोर्टल पर बीते साल शिकायत की गई और पहले चरण में 213 संस्थानों की जांच की गई तो 61 में गड़बड़ी सामने आई है। इनके विरुद्ध जिले के नोडल अधिकारी को एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए गए। अधिकारियों की मिलीभगत की जांच के लिए विजिलेंस जांच की तैयारी शुरू हो गई है।
सूत्रों के अनुसार सत्यापन रिपोर्ट में फर्जी बैंक गारंटी के मामले सामने आने के बाद जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच शुरू हो गई है। फर्जी बैंक गारंटी स्वीकार करने के लिए प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय की भूमिका भी संदिग्ध है। गनीमत रही कि अभी केवल 61 संस्थानों को मान्यता मिली है और बाकी को मान्यता की तैयारी चल रही थी। कई मामलों में आवेदक को ही बैंक गारंटी का सत्यापन कराकर लाने की जिम्मेदारी भी दे दी गई। इस तरह बैंक की फर्जी सत्यापन रिपोर्ट भी निदेशालय को उपलब्ध करा दी गई।
ऐसे देनी होती है गारंटी : निजी संस्थानों को 20 बच्चों की एक यूनिट पर 50 हजार की बैंक गारंटी देनी होती है। ट्रेडवार संख्या घटती बढ़ती है। एक संस्थान दो ट्रेड में कम से चार यूनिट की मान्यता लेता है। उसे दो लाख रुपये की बैंक गारंटी देनी होती है। बैंक से जारी प्रमाण पत्र को जमा करना होता है। गड़बड़ी मिलने पर बैंक की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। अपर निदेशक प्रशिक्षण नीरज कुमार ने बताया कि पहले चरण की जांच में 61 संस्थानों की बैंक गारंटी में गड़बड़ी मिली है। लखनऊ समेत प्रदेश के 21 जिलों की 61 संस्थानों के विरुद्ध जिले के नोडल अधिकारी बने राजकीय आइटीआइ के प्रधानाचार्यों को सरकारी दस्तावेजों में गड़बड़ी करने और 420 सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया गया है। सभी 1535 आवेदन करने वाली संस्थानों की मान्यता रोक दी गई है और जांच शुरू हो गई है।
'निजी संस्थानों द्वारा दी गई बैंक गारंटी में गड़बड़ी की शिकायत पर जांच कराई गई। अभी तक 61 निजी संस्थानों की बैंक गारंटी में गड़बड़ी सामने आई है, इनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद ने निर्देश दिए हैं। मान्यता में कर्मचारियों की भूमिका की जांच भी की जा रही है।' -हरिकेश चौरसिया, निदेशक, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन
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