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शुक्रवार, 7 जनवरी 2022

नीट काउंसलिंग का रास्‍ता साफ, सुप्रीम कोर्ट ने इस वर्ष के लिए ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर सरकार के क्राइटेरिया को दी मंजूरी


 

नीट काउंसलिंग का रास्‍ता साफ, सुप्रीम कोर्ट ने इस वर्ष के लिए ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर सरकार के क्राइटेरिया को दी मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट ने इस शैक्षणिक वर्ष (2021-2022) के लिए नीट पीजी दाखिले में ईडब्ल्यूएस और ओबीसी आरक्षण पर सरकार के क्राइटेरिया को बरकरार रखा है ताकि एडमिशन में कोई दिक्कत न हो। अपने अंतरिम आदेश में शीर्ष अदालत ने इस वर्ष के लिए ओबीसी वर्ग 27 और ईडब्ल्यूएस वर्ग को 10 फीसदी कोटे के साथ नीट पीजी और यूजी मेडिकल कोर्सेज के लिए दाखिले की अनुमति दे दी।

हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि वह ईडब्ल्यूएस के लिए 8 लाख रुपये की आय सीमा संबंधी मानदंड को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 5 मार्च को अंतिम सुनवाई करेगा। अदालत का यह अंतरिम आदेश केंद्र सरकार के उस अनुरोध के बाद आया है जिसमें उसने नीट पीजी काउंसलिंग मामले की सुनवाई जल्द से जल्द करने की मांग की थी। काउंसलिंग में हो रही देरी के कारण देश भर में डॉक्टरों व मेडिकल छात्रों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह आग्रह किया था।  

नीट पीजी काउंसलिंग प्रक्रिया अटकने के चलते पीजी फर्स्ट ईयर स्टूडेंटस् का दाखिला नहीं हो सका है। पीजी फर्स्ट ईयर के रेजिडेंट डॉक्टर मेडिकल कर्मियों का 33 फीसदी होते हैं, ऐसे में मेडिकल कर्मियों की भारी कमी हो सकती है। रेजिडेंट डॉक्टरों की एसोसिएशन ने भी कोर्ट की सुनवाई में दखल देते हुए मांग की थी की कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर राष्ट्रहित में इस मामले की जल्द से जल्द सुनवाई की जाए। उनका कहना था कि बहुत से रेजिडेंट डॉक्टर कोविड-19 की चपेट में आ गए हैं और अगले चार माह में फाइनल ईयर का बैच पास आउट हो जाएगा। 

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना की पीठ ने मामले की तात्कालिकता और अहमियत को देखते हुए अंतिम आदेश दिया और कहा कि राष्ट्रहित में काउंसलिंग बहाल होनी चाहिए। पीठ ने कहा कि नीट पजी व नीट यूजी में ऑल इंडिया सीटों पर 27 फीसदी ओबीसी कोटा की वैधता बरकरार रहेगी।29 जुलाई को केंद्र ने नीट यूजी की 15 फीसदी और नीट पीजी की 50 फीसदी ऑल इंडिया कोटा सीटों पर ओबीसी के लिए 27 फीसदी और ईडब्ल्यूएस के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू किया था। 

सरकार के ईडब्ल्यूएस मानदंड पर न्यायालय ने सवाल उठाते हुए कहा था कि क्या पूरे देश में 8 लाख रुपये की एक समान आय वाला नियम लागू किया जा सकता है। पीठ ने कहा, “इस मुद्दे के समाधान में कुछ समय लगेगा। हम पांडे समिति की सिफारिश को स्वीकार करते हैं कि 17 जनवरी, 2019 की अधिसूचना को चालू शैक्षणिक वर्ष के लिए लागू किया जाए ताकि दाखिले बाधित न हों। नीट काउंसलिंग सरकार के 29 जुलाई 2021 के आदेश के अनुसार आयोजित की जाएगी।'

पीठ ने कहा, "पांडे समिति द्वारा सुझाए गए क्राइटेरिया की वैधता ईडब्ल्यूएस आरक्षण आय सीमा से जुड़ी याचिकाओं पर अदालत के अंतिम निर्णय के अधीन होगी। मार्च के तीसरे सप्ताह में याचिकाओं को सूचीबद्ध करें।'ईडब्ल्यूएस आरक्षण आय सीमा के खिलाफ याचिकाओं पिछले वर्ष अगस्त माह में दाखिल की गई थीं। कोर्ट ने केंद्र से ईडब्ल्यूएस आरक्षण नियम पर स्पष्टीकरण मांगा था जिसमें जनरल कैटेगरी के लोगों के लिए 8 लाख रुपये की आय सीमा रखी गई है। इस आरक्षण से उन लोगों को बाहर रखा गया है जिसके पास 5 एकड़ की कृषि भूमि और 1000 वर्ग फीट का घर का है। नीट पीजी और यूजी कोर्सेज एडमिशन में इस वर्ष के लिए ईडब्ल्यूएस आरक्षण में यही क्राइटेरिया लागू रहेगा। 

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