Breaking

Primary Ka Master Latest Updates | Education News | Employment News latter 👇

सोमवार, 31 जनवरी 2022

Budget Session 2022 : 'आज भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता', जानिए तीन तलाक से लेकर टीकाकरण पर संसद में क्या बोले राष्ट्रपति

राष्ट्रपति कोविंद- फोटो : संसद टीवी

 Budget Session 2022 'आज भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता', जानिए तीन तलाक से लेकर टीकाकरण पर संसद में क्या बोले राष्ट्रपति

संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। इस सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से हुई। संसद में राष्ट्रपति का संबोधन युवाओं और डिजिटल इंडिया पर केंद्रित रहा। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा स्टार्ट-अप ईको-सिस्टम, हमारे युवाओं के नेतृत्व में तेजी से आकार ले रही अनंत नई संभावनाओं का उदाहरण है। डिजिटल इंडिया और डिजिटल इकॉनमी के बढ़ते प्रसार के संदर्भ में देश के UPI प्लेटफार्म की सफलता के लिए मैं सरकार के विज़न की प्रशंसा करूंगा। दिसंबर, 2021 में देश में आठ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का लेन-देन UPI के माध्यम से हुआ है।

विश्व की सर्वाधिक तेजी से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्था 

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार के निरंतर प्रयासों से भारत एक बार फिर विश्व की सर्वाधिक तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है। सरकार की नीतियों की वजह से आज भारत उन देशों में है जहां इंटरनेट की कीमत सबसे कम है। यहां स्मार्ट फोन की कीमत भी सबसे कम है। इसका बहुत बड़ा लाभ भारत की नौजवान पीढ़ी को मिल रहा है। आज भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बनकर उभरा है।

कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम भारत के सामर्थ्य का प्रमाण

राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत के सामर्थ्य का प्रमाण कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम में नजर आया है। हमने एक साल से भी कम समय में 150 करोड़ से भी ज्यादा वैक्सीन डोज़ लगाने का रिकॉर्ड पार किया। आज देश में 90 प्रतिशत से अधिक वयस्क नागरिकों को टीके की एक डोज़ मिल चुकी है, जबकि 70 प्रतिशत से अधिक लोग दोनों डोज़ ले चुके हैं। भारत में बन रही वैक्सीन पूरी दुनिया को महामारी से मुक्त कराने और करोड़ों लोगों का जीवन बचाने में अहम भूमिका निभा रही है। 

तीन तलाक जैसी कुप्रथा को खत्म किया

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने तीन तलाक को कानूनन अपराध घोषित कर समाज को इस कुप्रथा से मुक्त करने की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण  सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में से एक है। बेटे-बेटी को समानता का दर्जा देते हुए सरकार ने महिलाओं के विवाह के लिए न्यूनतम आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर पुरूषों के समान 21 वर्ष करने का विधेयक भी संसद में प्रस्तुत किया है।

राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई एक लाख 40 हजार

अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर-विकास के कार्यों को और अधिक गति प्रदान करने के लिए अलग-अलग मंत्रालयों के कामकाज को प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के रूप में एक साथ जोड़ा गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों, संसाधनों और इनफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण से देश की उन संभावनाओं को उड़ान मिल रही है जो दशकों से उपेक्षित पड़ी थीं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की उपलब्धियां गर्व करने योग्य हैं। मार्च 2014 में हमारे देश में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 90 हजार किलोमीटर थी, जबकि आज उनकी लंबाई बढ़कर एक लाख चालीस हजार किलोमीटर से अधिक हो गई है।

डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सरकार देश की सुरक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित होकर काम कर रही है। सरकार की नीतियों की वजह से डिफेंस सेक्टर में विशेषकर रक्षा उत्पादन में देश की आत्म-निर्भरता लगातार बढ़ रही है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 83 एलसीए तेजस फाइटर एयरक्राफ्ट के निर्माण हेतु अनुबंध किए गए हैं। सरकार ने ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रियों को सात डिफेंस PSUs का रूप देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारी सेनाओं की जरूरत का सामान भारत में ही विकसित हो तथा भारत में ही निर्मित हो।

अमूल्य धरोहरों को भारत में लाया जा रहा वापस

सरकार भारत की प्राचीन विरासत को संरक्षित, समृद्ध और सशक्त करना अपना दायित्व समझती है। सरकार की यह भी प्राथमिकता रही है कि भारत की अमूल्य धरोहरों को देश में वापस लाया जाए। सौ वर्ष पूर्व भारत से चोरी हुई मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति को वापस लाकर काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित किया गया है।

 2047 के लिए करनी है कड़ी मेहनत

वर्ष 2047 में देश अपनी आज़ादी की शताब्दी पूरी करेगा। उस समय के भव्य, आधुनिक और विकसित भारत के लिए हमें आज कड़ी मेहनत करनी होगी। हमें अपने परिश्रम को पराकाष्ठा तक लेकर जाना है और यह सुनिश्चित करना है कि अंततः इसके लाभकारी परिणाम निकलें। इसमें हम सबकी भागीदारी है और समान भागीदारी है। आज देश की उपलब्धियां और सफलताएँ देश के सामर्थ्य और संभावनाओं के समान ही असीम हैं। ये उपलब्धियां किसी एक संस्था या प्रतिष्ठान की नहीं हैं, बल्कि देश के कोटि-कोटि नागरिकों की हैं। इनमें करोड़ों देशवासियों का श्रम और पसीना लगा है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें