RRB NTPC , Group D Exam : जानें क्या है अभ्यर्थियों की आपत्तियां, क्यों कर रहे हैं हंगामा और क्या है रेलवे का तर्क
RRB NTPC Group D Exam : रेलवे ने अपनी एनटीपीसी व ग्रुप डी भर्ती परीक्षाओं ( Railway Group D CBT , NTPC Exam Result ) की चयन प्रक्रिया को लेकर परीक्षार्थियों के हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद दोनों भर्ती परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला किया है। रेलवे के एक प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि रेलवे ने एक समिति भी बनाई है, जो विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित दोनों परीक्षाओं में सफल और असफल होने वाले परीक्षार्थियों की शिकायतों की जांच करेगी। प्रवक्ता के मुताबिक, दोनों पक्षों की शिकायतें और चिंताएं सुनने के बाद समिति रेल मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपेगी।
यहां जानें कि आखिर क्यों रेलवे भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी एनटीपीसी भर्ती परीक्षा परिणाम और ग्रुप डी (लेवल-1) भर्ती का विरोध कर रहे हैं? समझें क्या है पूरा मामला
RRB NTPC भर्ती परीक्षा पर विरोध क्यों और रेलवे का तर्क
14 जनवरी को रेलवे भर्ती बोर्ड ने नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी (एनटीपीसी) के 35000 पदों पर भर्ती के लिए हुई परीक्षा (सीबीटी-1) का रिजल्ट जारी किया था। इसमें 7,05,446 अभ्यर्थियों को सीबीटी-2 के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया।
असफल अभ्यर्थियों ने रिजल्ट का यह कहते हुए विरोध किया कि सात लाख उम्मीदवारों की बजाय सात लाख रोल नंबरों का चयन क्यों किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले एक पद के लिए 10 प्रत्याशी, अब 10 पद के लिए एक प्रत्याशी है। कुछ उम्मीदवारों को एक से अधिक लेवल पर सफल क्यों घोषित किया गया।
विरोध कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि रेलवे बोर्ड ने अधिसूचना में कहा था कि कंप्यूटर आधारित परीक्षा का पहला चरण केवल अर्हता परीक्षा होगी और कंप्यूटर आधारित परीक्षा के दूसरे चरण के लिए पदों की संख्या से 20 गुना उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। उनका कहना है कि रेलवे भर्ती बोर्ड ने अधिसूचित रिक्त पदों से केवल चार या पांच गुना उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए चुना है।
रेलवे का तर्क - कुल वैकेंसी 35,281 हैं। इनमें ग्रेजुएट उम्मीदवार सभी वैकेंसी के लिए योग्य हैं, जबकि 12वीं पास 10,603 वैकेंसी के लिए योग्य हैं। ग्रेजुएट अभ्यर्थियों ने उन 10+2 वाली कैटेगरी को भी चुना है। कानून तौर हम किसी भी उम्मीदवार को एक से अधिक पद की कैटेगरी का चयन करने से नहीं रोक सकते हैं। परीक्षा के नियम और नोटिफिकेशन के मुताबिक हमने हर लेवल में वैकेंसी का 20 गुना चुना है। रेलवे बोर्ड ने कहा कि ऐसा कहीं नहीं कहा गया था कि दूसरे चरण की कंप्यूटर आधारित परीक्षा में उम्मीदवारी के लिए सात लाख व्यक्तियों को चुना जाएगा। चूंकि दूसरे चरण में पांच स्तर हैं और एक उम्मीदवार उसकी योग्यता एवं चुने गये विकल्प एक से अधिक स्तरों के लिए चुना जा सकता है और इसलिए सात लाख रोल नंबरों की सूची में कुछ नाम एक से अधिक सूचियों में होंगे।
कटऑफ क्यों रही ज्यादा
अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा की कटऑफ बहुत ज्यादा रही है।
इस पर रेलवे बोर्ड ने कहा है कि कट ऑफ को सामान्यीकृत अंकों के आधार पर तैयार किया गया है जो सामान्य रूप से रॉ स्कोर से अधिक होते हैं। कट ऑफ उस स्तर/पद के लिए अधिसूचित रिक्तियों की संख्या पर भी निर्भर करता है। चूंकि लगभग 35000 वैकेंसी में से 12वीं पास उम्मीदवारों के लिए सभी 21 रेलवे भर्ती बोर्डों में लगभग 10,500 रक्तियिां अधिसूचित की गई हैं, जहां स्नातक उम्मीदवार पात्र हैं वहां 12वीं पास वाले पदों के लिए कट ऑफ सामान्य स्कोर के आधार पर स्नातक उम्मीदवारों की तुलना में अधिक रहा है।
क्या 12वीं लेवल की तुलना में ग्रेजुएट लेवल को मिल ज्यादा लाभ?
विरोधी अभ्यर्थियों की ओर से तर्क भी दिया गया है कि स्नातक एवं 10+2 स्तर के पदों के लिए पात्र होने का अनुचित लाभ स्नातक अभ्यर्थियों को मिल रहा है। अगर पहले की तरह स्नातक और 10+2 स्तर के पदों के लिए अलग-अलग अधिसूचनाएँ होतीं, तो उन्हें दो अलग-अलग परीक्षाओं में सफल होना होता। रेलवे बोर्ड ने कहा कि समय और ऊर्जा बचाने के लिए स्नातक और 10+2 स्तर के पदों के लिए भर्तियों का एकीकरण किया गया है। पर इसके साथ ही प्रथम चरण वाली कंप्यूटर आधारित परीक्षा के मानकों को 10+2 स्तर के स्तर पर रखा गया है ताकि 10+2 स्तर के छात्रों को नुकसान न हो और केवल दूसरे चरण वाली परीक्षा में ही स्तर अलग-अलग होंगे।
RRB Group D भर्ती परीक्षा
रेलवे भर्ती बोर्ड ने सोमवार को नोटिस जारी कर ऐलान किया कि ग्रुप डी भर्ती परीक्षा में सीबीटी-2 की भी परीक्षा होगी। सीबीटी-1 में पास होने वाले अभ्यर्थियों को सीबीटी-2 देना होगा। सीबीटी-2 के बाद पीईटी व मेडिकल होगा। जबकि अभी तक अभ्यर्थी यह समझ रहे थे कि सीबीटी-1 में पास होने के बाद उन्हें पीईटी देना होगा। हालांकि रेलवे ने 2019 में जारी ग्रुप डी भर्ती (लेवल-1) के नोटिफिकेशन में यह साफ लिखा था कि सीबीटी (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट) सिंगल स्टेज में करवाना है या फिर मल्टी स्टेज में, यह तय करने का अधिकार रेलवे प्रशासन के पास रहेगा। रेलवे ने सोमवार को नोटिस जारी कर यह स्पष्ट कर दिया है कि ज्यादा आवेदनों के चलते सीबीटी दो चरणों में कराए जाएंगे।
अभ्यर्थियों का कहना है कि भर्ती निकलने के तीन साल बाद परीक्षा आयोजित की जा रही है। अगर अब सीबीटी-2 भी होगा तो नियुक्ति मिलने में बहुत ज्यादा समय लग जाएगा। अब सीबीटी-2 कराया जाना गलत है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि रेलवे असल में ऐसा करके भर्ती को लटका रहा है। वह नौकरी देना ही नहीं चाहता है।फरवरी 2019 में 10वीं पास युवाओं के लिए निकली इस भर्ती परीक्षा के लिए लगभग एक करोड़ 17 लाख छात्रों ने आवेदन किया है। इसके माध्यम से एक लाख 3 हजार पदों को भरा जाना है। इसकी परीक्षा 23 फरवरी से शुरू होनी है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें