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सोमवार, 3 जनवरी 2022

UPSC NDA Exam : देश का वो स्कूल, जहां के 33 फीसदी छात्र बनते हैं भारतीय सेनाओं में अफसर


 

UPSC NDA Exam : देश का वो स्कूल, जहां के 33 फीसदी छात्र बनते हैं भारतीय सेनाओं में अफसर

भारतीय सेना में योग्य अफसरों की कमी दूर करने के लिए देश में सैनिक स्कूलों की स्थापना की गई है। इस समय 24 सैनिक स्कूल देश भर में चल रहे हैं। रक्षा मंत्रालय ने अपने विश्लेषण में पाया कि उत्तराखंड के घोड़ाखाल स्थित सैनिक स्कूल से पिछले दस वर्षों में औसतन 33.4 फीसदी छात्र सेनाओं में अफसर बने हैं। यह संख्या देश में सर्वाधिक है। मंत्रालय ने एनडीए, नौसेना अकादमी या अन्य दूसरी सैन्य अकादमियों में सैनिक स्कूलों से अफसर बने छात्रों का ब्यौरा एकत्र कर दस साल का औसत निकाला है। इसमें सैनिक स्कूल घोड़ाखाल पहले स्थान पर रहा है। वहीं, दूसरे स्थान पर हिमाचल प्रदेश स्थित सुजानपुर तीरा सैनिक स्कूल रहा, जहां के औसतन 30.5 फीसदी छात्र सेनाओं में अफसर चुने गए हैं। 

तीसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश का कोरुकोडा सैनिक स्कूल रहा है, जहां के औसतन 24.3 फीसदी छात्र सैन्य अफसर नियुक्त हुए हैं। इसके अलावा अच्छे प्रदर्शन करने वाले तीन अन्य सैनिक स्कूलों में रीवा, सतारा और चितौड़गढ़ के स्कूल हैं। यहां से दस वर्षों में औसतन क्रमश 19.1, 18.5 तथा 17 फीसदी बच्चे सेनाओं में अधिकारी बने हैं। रिपोर्ट यह भी बताती है कि कुछ सैनिक स्कूलों का प्रदर्शन देश को योग्य उम्मीदवार दे पाने में बिल्कुल खराब रहा है। नगालैंड के पुंग्लवा सैनिक स्कूल से एक फीसदी से भी कम छात्र सैन्य अफसर बने।

भुवनेश्वर सैनिक स्कूल से 3.9, जम्मू-कश्मीर के नगरौटा से 4.7 फीसदी, कोडागु (कर्नाटक) सैनिक स्कूल से 5.3 फीसदी तथा गौलपारा (असम) से सिर्फ 5.9 छात्र सैन्य अफसर बने हैं। रिपोर्ट के अनुसार झारखंड के तिलैया सैनिक स्कूल का प्रदर्शन भी इस मामले में निराशाजनक है। यहां से दस सालों में औसतन 8.8 फीसदी छात्र ही अफसर चुने गए, जबकि बिहार के दो सैनिक स्कूलों का प्रदर्शन संतोजनक कहा जा सकता है। नालंदा सैनिक स्कूल से 17.7 तथा गोपालगंज से 11.4 फीसदी छात्र अफसर बने।

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