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शनिवार, 19 फ़रवरी 2022

पांच साल में पटरी पर आई शिक्षा व्‍यवस्‍था, कायाकल्प होते ही स्कूलों में बढ़ गए बच्चे


 

पांच साल में पटरी पर आई शिक्षा व्‍यवस्‍था, कायाकल्प होते ही स्कूलों में बढ़ गए बच्चे

जिला मुख्यालय से सटे पिपराइच विधानसभा क्षेत्र में पिछले पांच वर्षों में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह पटरी पर आ गई है। कायाकल्प योजना के तहत जहां स्कूल चाक-चौबंद हो गए हैं, वहीं बच्चों की संख्या भी बढ़ी है। पठन-पाठन की गुणवत्ता में सुधार कर अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि क्षेत्र के आराजी बसडीला समेत कई स्कूलों को छात्रों का नामांकन मानक से अधिक हो जाने के कारण नो-एडमिशन का बोर्ड तक लगाना पड़ा।

कापी-किताब से लेकर यूनिफार्म तक मिल रही मुफ्त

स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को कापी-किताब से लेकर यूनीफार्म तक मुफ्त मिलने से आर्थिक से जूझ रहे अभिभावक हाल के वर्षों में सरकारी स्कूलों की तरफ अधिक आकर्षित हुए हैं। स्कूलों में नामांकन कराकर वह अपने पाल्यों की पढ़ाई की चिंता से मुक्त हो गए हैं। बच्चे भी पूरी ईमानदारी से नियमित विद्यालय आते हैं और पढ़ाई करते हैं। वर्ष 2017 के पहले जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई नहीं होती थी, आज वहां शिक्षकों की तैनाती हो जाने से न सिर्फ नियमित कक्षाएं संचालित हो रहीं हैं बल्कि पठन-पाठन की गुणवत्ता भी सुधरी है।

स्मार्ट क्लास की सुविधा से लैस हुए आधा दर्जन विद्यालय

विधानसभा क्षेत्र के विद्यालयों में से अधिकांश विद्यालय बुनियादी सुविधाओं से चाक-चौबंद हो चुके हैं। इनमें से आधा दर्जन विद्यालय इस समय स्मार्ट क्लास की सुविधा से लैस हो चुके हैं। यहां के बच्चे प्रोजेक्टर के जरिये एलईडी स्क्रीन पर पढ़ाई करते थे। स्मार्ट क्लास से लैस होने वाले विद्यालयों में कंपोजिट पूर्व माध्यमिक विद्यालय उसका, प्राथमिक विद्यालय आराजी बसडीला, पूर्व माध्यमिक विद्यालय आराजी बनकट, प्राथमिक विद्यालय कुसम्ही बाजार, कंपोजिट पूर्व माध्यमिक विद्यालय करमैनी तथा प्राथमिक विद्यालय चनगही शामिल हैं।

फैक्ट फाइल

-पेयजल की सुविधा से आच्छादित स्कूल 70

-बालक शौचालय बने 69

-बालिका शौचालय बने 75

-टाइल्सयुक्त शौचालय 43

-मल्टीपल हैंड वाङ्क्षशग यूनिट 74

-ब्लैक बोर्ड से लैस स्कूल 84

-किचेन शेड से लैस स्कूलों की संख्या 67

-रैंप व रेङ्क्षलग 68

-चहारदीवारी से लैस स्कूल 58

-स्मार्ट क्लास की सुविधा वाले स्कूल 06

क्‍या बोले अभिभावक

कौशल्‍या देवी का कहना है कि सरकारी स्कूल में सिर्फ भवन ही नहीं, अन्य व्यवस्थाएं भी बेहतर हुई हैं। पढ़ाई का स्तर भी सुधरा है। जूता-मोजा से लेकर यूनीफार्म तक सब मुफ्त मिल रहा है। अब हमें और क्या चाहिए। लालधर प्रसाद ने कहा कि अब समय से स्कूल खुल ही रहे हैं। शिक्षक भी बच्चों को नियमित पढ़ाने आते हैं। अब तो बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए मोहल्ला पाठशाला भी चल रही है। जो अच्छी पहल है। सुमन साहन ने बताया कि पढ़ाई तो अच्छी हो ही रही है। इस बार तो सरकार ने यूनीफार्म व जूता-मोजा के लिए 11 सौ रुपये भी सीधे खाते में डाल दिए, जिससे हमने अपने मन मुताबिक यूनीफार्म की खरीदारी की। दीनानाथ सिंह का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में सरकारी स्कूलों की दशा काफी सुधरी है। कान्वेंट ही नहीं अब तो परिषदीय स्कूलों में भी अच्छी पढ़ाई हो रह है। सरकारी स्कूलों की व्यवस्था से हम काफी संतुष्ट हैं।

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