UPSC CSE Extra Attempt: यूपीएससी का कोर्ट में जवाब, सिविल सेवा परीक्षा में एक और मौका देना पेचीदा मसला
कोरोना महामारी के कारण संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में एक और मौका मांग रहे तीन उम्मीदवारों की याचिका पर सोमवार, सात मार्च, 2022 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान संघ लोक सेवा आयोग ने याचिका पर अपना जवाब पेश करते हुए कहा कि उम्मीदवारों को एक और मौका देना बहुत कठिन मसला है। पेचीदगी भरे इस मसले पर नीतिगत विचार करने की आवश्यकता है। इसके लिए पीठ ने मामले की सुनवाई 21 मार्च तक के लिए टाल दी है।
यूपीएससी (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा के तीन उम्मीदवारों ने एक याचिका के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उन्होंने यूपीएससी 2021 की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण की थी, लेकिन बाद में कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद वे मुख्य परीक्षा के सभी पेपरों में उपस्थित नहीं हो सके थे। याचिकाकर्ता अगली मुख्य परीक्षा में भाग लेने की अनुमति देने या फिर 2021 की परीक्षा का रिजल्ट घोषित करने से पूर्व उनके लिए छूटे हुए पेपरों की विशेष परीक्षा आयोजित करने की मांग कर रहे हैं।
यूपीएससी की ओर से पेश अधिवक्ता ने शीर्ष अदालत से कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर कोई भी फैसला लेने से पहले निर्देश लेने और सभी पहलुओं को रिकॉर्ड में रखने की जरूरत है। अधिवक्ता ने जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ को बताया कि यह एक ऐसा मुद्दा है जो बहुत ही पेचीदा है, इसलिए, मौका दिया जा सकता है या नहीं, यह तय करने में थोड़ा समय लगेगा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले को 21 मार्च, 2022 को सुनवाई के लिए निर्धारित कर दिया और कहा कि अगली तारीख से पहले सभी पक्षकारों को हलफनामा दायर करने को कहा है।
संघ लोक सेवा आयोग की ओर से यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा सात से 16 जनवरी, 2022 के मध्य आयोजित की गई थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने पीठ को बताया कि इन तीन में से दो याचिकाकर्ता यूपीएससी सीएसई (UPSC Civil Services Exam) मुख्य परीक्षा के कुछ शुरुआती पेपर दे चुके थे तथा कोरोना होने के कारण बचे हुए पेपर में भाग नहीं ले सके थे, जबकि तीसरा याचिकाकर्ता कोरोना संक्रमण के कारण किसी भी पेपर में उपस्थित नहीं हो पाया था।
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