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बुधवार, 30 मार्च 2022

UPSC IAS Story: बिना नौकरी छोड़े शादीशुदा महिला बनीं IAS, तैयारी के दिनों में पति ने किया था घर का काम



 UPSC IAS Story: बिना नौकरी छोड़े शादीशुदा महिला बनीं IAS, तैयारी के दिनों में पति ने किया था घर का काम

UPSC सिविल सेवा परीक्षा सबसे कठिन भर्ती परीक्षाओं में से एक है। जो उम्मीदवार भारत की आईएएस परीक्षा के लिए उपस्थित होने का निर्णय लेते हैं, वे कभी भी अपना दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति नहीं खो सकते हैं।UPSC परीक्षा में तैयारी में धैर्य और निरंतरता की आवश्यकता होती है। लेकिन क्या होगा अगर कोई शादी कर लेता है या फुल टाइम  नौकरी में लगा हुआ है? क्या आपको लगता है कि वे यूपीएससी के विशाल सिलेबस को पढ़ने के लिए समय निकाल पाएंगे? यह एक सामान्य अवलोकन है कि महिलाएं शादी के बाद अपने यूपीएससी के सपने छोड़ देती हैं। हालांकि आज हम आपको जिस महिला की कहानी बताने जा रहे हैं, वह IAS अधिकारी है, IAS बनने का सपना उन्होंने शादी के बाद पूरा किया, जिसमें उनके पति ने पूरा साथ दिया। आइए जानते हैं उनके बारे में।

काजल ने हरियाणा के शमिल में पढ़ाई की है। स्कूली शिक्षा के बाद, उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और मथुरा से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में बीटेक पूरा किया। एक इंटरव्यू में अपने ड्रीम जॉब के बारे में बात करते हुए काजल ने कहा, "मैं बचपन में हमेशा से एक डॉक्टर बनना चाहती थी। मैंने कभी और कुछ नहीं सोचा था, कि एक IAS अधिकारी बनूंगी।ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद काजल को विप्रो में नौकरी मिल गई। उन्होंने विप्रो में सालाना 23 लाख रुपये कमाए। काजल ने इस कंपनी में नौ साल लंबे समय तक काम किया।

ऐसे शुरू हुई काजल की तैयारी

काजल के पिता चाहते थे कि वह सिविल सर्विसेज की पढ़ाई करें। वह अपनी बेटी को आईएएस अफसर बनते देखना चाहते थे। यह सपना उन्होंने अपनी बेटी को भी दिया था। उस समय तक काजल की शादी आशीष मलिक से हो चुकी थी, जो दिल्ली में अमेरिकी दूतावास में काम करते थे। काजल के पति ने भी उनके आईएएस अधिकारी बनने के सपने का समर्थन किया। परिवार की आर्थिक स्थिति के कारण काजल अपनी नौकरी नहीं छोड़ सकती थी। इसलिए उन्होंने विप्रो में अपनी दिन की नौकरी जारी रखते हुए यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी शुरू की।

काजल ने साल 2014 में अपनी तैयारी शुरू की थी। वह अपने पहले दो प्रयासों में विफल रही। शादी के बाद उनके पति ने आईएएस अधिकारी बनने के उनके विचार का समर्थन किया। काजल ने 2016 में अपनी तैयारी नए सिरे से शुरू की। उन्होंने नई रणनीति तैयार करने के लिए अपने पिछले प्रयासों का विश्लेषण किया। उन्होंने महसूस किया कि उनकी एकमात्र गलती यूपीएससी परीक्षा को गंभीरता से नहीं लेने की थी।वह सिलेबस के साथ बैठ गई और उनका विश्लेषण किया। इस बार काजल ने अपना सिलेबस पूरी तरह से तैयार किया। उनके पति बेहद सपोर्टिव थे। उन्होंने तैयारी के दिनों में घर के कामों में भी उनकी मदद की।

वह ऑफिस जाने से पहले और आने-जाने के दौरान भी सुबह के समय पढ़ाई करती थी। अपने ऑफिस से लौटने के बाद वह पढ़ाई करने के लिए 2 घंटे का समय निकालती थीं।काजल 2017 में भी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा पास नहीं कर पाई थी। उस वक्त उन्होंने सारी उम्मीद खो दी थी, लेकिन उनके पति और परिवार ने उसे फिर से यूपीएससी सीएसई को एक और मौका देने के लिए प्रेरित किया।

साल 2018 में काजल पूरी तरह से तैयार हो गई थी। उन्होने NCERT को रिवाइज्ड किया, वह करंट अफेयर्स की तैयारी में जुट गई और आंसर राइटिंग की खूब प्रैक्टिस की। काजल को अपनी कड़ी मेहनत का सकारात्मक परिणाम मिला और उस साल UPSC CSE 2018 में  28वीं रैंक हासिल की।काजल जवला ने यूपीएससी मेन्स में 850 अंक और इंटरव्यू में 275 में से 201 अंक हासिल किए। उनके कुल अंक 1051 थे। UPSC CSE 2018 को पास करने के बाद काजल को MP कैडर मिला।


 


 


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