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शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022

सरकारी नौकरी: केंद्रीय मंत्रालयों में खाली पड़े हैं हजारों 'बैकलॉग आरक्षित पद', रिक्तियां भरने में पिछड़े रक्षा व गृह मंत्रालय



 सरकारी नौकरी: केंद्रीय मंत्रालयों में खाली पड़े हैं हजारों 'बैकलॉग आरक्षित पद', रिक्तियां भरने में पिछड़े रक्षा व गृह मंत्रालय

केंद्रीय मंत्रालयों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित पदों को भरने में ढिलाई बरती जा रही है। कई विभागों में बैकलॉग आरक्षित रिक्तियों की संख्या काफी अधिक बढ़ गई है। एससी, एसटी और ओबीसी के पदों को भरने में रक्षा व गृह मंत्रालय भी पिछड़ गए हैं। एक जनवरी 2021 की स्थिति के अनुसार, डिफेंस में 'एससी' उम्मीदवारों के लिए 1848 पद खाली थे, इनमें से केवल 45 पद ही भरे गए। एसटी के लिए रिक्त पदों की संख्या 1189 थी। महज 22 पद भरे गए। ओबीसी के लिए 3986 पद रिजर्व थे, केवल 98 पद भरे गए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय में एससी के लिए 6393 पद रिजर्व थे, जिनमें से महज 1108 पद भरे गए हैं। एसटी के 3524 पदों में से 466 पद भरे गए हैं। ओबीसी के लिए रिज़र्व 6610 पदों में से केवल 717 पद भरे गए हैं। हैरानी की बात तो ये है कि केंद्र में बैकलॉग आरक्षित पदों पर नजर रखने के लिए सरकार के पास कोई एजेंसी भी नहीं है। ये पद क्यों नहीं भरे जा रहे, क्या दिक्कत आ रही है, यह सब पता लगाने वाला कोई नहीं है।

दस मंत्रालयों/विभागों में हैं सर्वाधिक पद

विभाग से संबंधित कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति की 112वीं रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। इस समिति के चेयरमैन राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी हैं। उन्होंने पिछले दिनों संसद में इस रिपोर्ट को पेश किया था। कमेटी में लोकसभा व राज्यसभा के 31 सदस्य शामिल थे। हालांकि केंद्र सरकार में दस मंत्रालयों/विभागों में एससी, एसटी और ओबीसी के बैकलॉग आरक्षण की निगरानी करने की जिम्मेदारी डीओपीटी को सौंपी गई है। इन मंत्रालयों/विभागों में गृह, रक्षा, डिफेंस प्रोडेक्शन, रेलवे, वित्तीय सेवाएं, शिक्षा, आवास एवं शहरी मामले, एटोमिक एनर्जी, राजस्व और डाक महकमा शामिल है।




ऐसा कोई मंत्रालय/विभाग नहीं, जहां सभी पद भरे गए हों...

केंद्रीय गृह मंत्रालय में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित पदों का बैकलॉग 4450, अनुसूचित जनजाति का 2821 और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 5479 पद खाली पड़े थे। रक्षा में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित पदों का बैकलॉग 1803, अनुसूचित जनजाति का 1167 और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 3888 पद खाली पड़े थे। रेलवे में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित पदों का बैकलॉग 4445, अनुसूचित जनजाति का 4405 और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 5403 पद खाली पड़े थे। राजस्व में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित पदों का बैकलॉग 2762, अनुसूचित जनजाति का 2000 और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 1465 पद खाली पड़े थे।

नजर रखने के लिए नहीं है कोई नोडल एजेंसी ...

संसदीय स्थायी समिति ने यह बात नोट की है कि केंद्र सरकार में ऐसी कोई नोडल एजेंसी नहीं है, जो आरक्षित पदों के बैकलॉग पर नजर रख सके। समिति ने सिफारिश की है, सरकार डीओपीटी को नोडल एजेंसी के तौर पर नामित करे। समिति ने 106वीं और 108वीं रिपोर्ट में भी यह सिफारिश की थी कि संबंधित मंत्रालय और विभाग अपने डैशबोर्ड पर बैकलॉग रिक्तियों का डाटा प्रदर्शित करें। कब कितनी वैकेंसी भरी गई, कितनी बची है और कब तक भरी जाएंगी, ये जानकारी भी डैशबोर्ड पर होनी चाहिए। मौजूदा संसदीय स्थायी समिति ने यह सिफारिश भी की है कि डीओपीटी खुद अपना एक डैशबोर्ड बनाए। उस पर यह जानकारी रहे कि किस मंत्रालय में कितनी बैकलॉग रिक्तियां हैं। उस डैशबोर्ड को नियमित तौर पर अपडेट किया जाए।


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