डॉ. आंबेडकर सेंटर फॉर एक्सलेंस: सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराएगा इलाहाबाद विश्वविद्यालय
कुछ दशकों पहले तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के लिए कहा जाता था कि यह आईएएस बनाने की फैक्ट्री है, लेकिन पिछले कई वर्षों से सिविल सेवा परीक्षा में इविवि के छात्र-छात्राओं के चयन का ग्राफ तेजी से गिरा है।इविवि में अब डॉ. आंबेडकर सेंटर फॉर एक्सलेंस की स्थापना होने जा रही है, जिसमें अनुसूचित जाति (एससी) श्रेणी के अभ्यर्थियों को एक वर्ष के लिए छात्रवृत्ति के साथ मुफ्त कोचिंग की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए विश्वविद्यालय एवं मंत्रालय के बीच में एक एमओयू पर 22 अप्रैल 2022 को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के मंत्री वीरेंद्र कुमार की उपस्थिति में बीएचयू, वाराणसी में हस्ताक्षर किए गए।
इस दिशा में इविवि की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव कई दिनों से प्रयासरत थीं और नतीजा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय देश के उन 31 चुनिंदा विश्वविद्यालयों में शामिल हो गया है, जहां भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने डॉ. आंबेडकर सेंटर फॉर एक्सलेंस स्थापित करने का निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय में इस योजना के कार्यान्वयन की तैयारी शुरू कर दी गई है और जल्द ही सेंटर की स्थापना का काम पूरा हो जाएगा। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों को एक वर्ष के लिए सिविल सेवा परीक्षाओं की कोचिंग दी जाएगी, ताकि वे बेहतर तैयारी कर सिविल सेवा में चयनित हो सकें।
प्रतियोगिता के माध्यम से किया जाएगा छात्रों का चयन
प्रतियोगिता के माध्यम से 100 छात्रों का चयन किया जाएगा, जिनमें 33 फीसदी सीटें महिला अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित होंगी। महिला अभ्यर्थी न मिलने पर इन सीटों पर पुरुष अभ्यर्थियों को प्रवेश दिए जाएंगे। चयनित अभ्यर्थियों को एक वर्ष के ऊपर स्कॉलरशिप दी जाएगी। कोचिंग पर आने वाला तकरीबन 75000 रुपये का खर्च मंत्रालय वहन करेगा। इस योजना को कार्यान्वित करने के लिए चयनित विश्वविद्यालय के एक शिक्षक की नियुक्ति केंद्र के डायरेक्टर के रूप में की जाएगी। इसके अलावा परीक्षा की तैयारी कराने के लिए संविदा पर तीन शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी, जिनको मानदेय दिया जाएगा।
इंटरनेट, वाईफाई, लाइब्रेरी की सुविधा भी मिलेगी
सेंटर में कोचिंग के लिए चयनित अभ्यर्थियों को इंटरनेट, वाईफाई लाइब्रेरी आदि की सुविधाएं भी दी जाएंगी, ताकि अभ्यर्थियों की तैयारी निर्बाध रूप से कराई जा सके। एक छात्र को सेंटर में एक वर्ष की अवधि के लिए ही कोचिंग दी जाएगी और अगर वह इस दौरान 15 दिन से ज्यादा अनुपस्थित रहता है तो उसका पंजीकरण समाप्त कर दिया जाएगा और अभ्यर्थी को स्कॉलरशिप का पैसा भी वापस करना पड़ेगा।
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