UP Board : यूपी बोर्ड की लापरवाही से कहीं मजाक ना बन जाए प्रैक्टिकल
परीक्षा से चंद घंटे पहले केन्द्र तय होते हैं। केन्द्रों पर पर्यवेक्षक तैनात होने से पहले परीक्षा शुरू होने का समय आ जाता है। केन्द्र बने कॉलेजों की लैब कंट्रोल रूम से नहीं जुड़ सकी। परीक्षा देने वाले छात्रों को केन्द्र का नहीं पता था, तो परीक्षा लेने वाले परीक्षक को छात्रों का। यह हालात उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के हाईटेक प्रयोगात्मक परीक्षा कराने के थे। यूपी बोर्ड की योजना से प्रयोगात्मक परीक्षा का पूरा सिस्टम बेपटरी हो गया। हालात ऐसे बन गए कि पहले दिन जनपद में एक भी केन्द्र पर प्रयोगात्मक परीक्षा नहीं हो सकी। विभाग देर शाम तक बेपटरी हुए हालात को संभालने में लगा हुआ था।
यूपी बोर्ड ने इस बार प्रयोगात्मक परीक्षा को लिखित परीक्षा की तर्ज पर कराने का ऐलान किया। आगरा मंडल में प्रैक्टिकल कराने का फैसला बोर्ड ने पहले चरण में लिया। इसके तहत परीक्षा 20 से 27 अप्रैल तक करायी जानी है, लेकिन परीक्षा के पहले दिन ही प्रैक्टिकल का सिस्टम मजाक बन गया। यूपी बोर्ड ने परीक्षा के लिए केन्द्रों की सूची मंगलवार देर रात को जारी की। जनपद में 146 कॉलेजों को प्रैक्टिकल के लिए केन्द्र बनाया गया। प्रैक्टिकल शुरू होने से चंद घंटे पहले केन्द्र बनने से ना तो केन्द्रों पर पर्यवेक्षकों को तैनात किया जा सका और ना ही परीक्षा केन्द्रों की लैब के सीसीटीवी को कंट्रोल रूम से जोड़ा जा सका। यह प्रैक्टिकल कराने के लिए सबसे पहली और कड़ी शर्त है। इसी के चलते जनपद में पहले दिन प्रैक्टिकल कराए की नहीं जा सके। गुरुवार को सभी केन्द्रों पर प्रैक्टिकल हो पाएंगे। यह भी बड़ा सवाल है।
कॉलेजों में लैब नहीं, प्रैक्टिकल को भेज दिए छात्र
यूपी बोर्ड ने प्रैक्टिकल के लिए ऐसे कॉलेजों को केन्द्र बना दिया। जहां पर संबंधित विषय की लैब ही नहीं हैं। जनपद में 15 ऐसे केन्द्र बनाए गए। जहां पर जिन विषयों की प्रयोगात्मक परीक्षा करानी है। उन विषयों की पढ़ाई विद्यालय कराता ही नहीं है। जनपद के कृषि विषय पढ़ाने वाले स्कूल का परीक्षा केन्द्र ऐसा स्थित बना दिया है। जहां पर कृषि विषय ही नहीं है। अब विभाग ऐसे कॉलेजों का परीक्षा केन्द्र बदलने के लिए प्रस्ताव बोर्ड के भेजा जा रहा है।
अब आतंरिक भी होगा बाहरी परीक्षक
बोर्ड ने एक ही स्कूल के छात्रों की प्रयोगात्मक परीक्षा के लिए चार-चार स्कूलों को केन्द्र बना दिया है। स्कूल की छात्र संख्या का विभाजन कर बोर्ड ने उन्हें केन्द्र अलॉट को कर दिए, लेकिन इससे बड़ी समस्या खड़ी हो गयी। क्योंकि प्रयोगात्मक परीक्षा के दौरान एक्सटनल एग्जामनर के साथ-साथ इंटरनल भी मौजूद रहता है। यह संबंधित स्कूल का शिक्षक होता है। अब विभाग ने साफ कर दिया है कि आंतरिक परीक्षक केन्द्र बने कॉलेज का शिक्षक ही होगा। ऐसे में छात्रों के लिए आंतरिक परीक्षक भी बाहरी ही होगा।
परीक्षा केन्द्र बने तो ठीक नहीं तो खोजते रहे केन्द्र
बोर्ड ने प्रयोगात्मक परीक्षा के लिए केन्द्रों की सूची मंगलवार को जारी की। ऐसे में केन्द्र बने कॉलेजों उनके लिए तो काफी कुछ आसान था, लेकिन जो कॉलेज परीक्षा केन्द्र नहीं बने उन्हें पता ही नहीं था कि उनके छात्रों की परीक्षा कहां होनी हैं। बुधवार दोपहर तक स्कूलों को इसकी जानकारी हो सकी। स्थिति ऐसी थी कि यदि केन्द्र परीक्षा कराने के लिए तैयार भी हो जाता तो उसके पास प्रैक्टिकल देने वाले छात्र मौजूद नहीं होते।
केन्द्र व्यवस्थापकों को गुरुवार से परीक्षा कराने के निर्देश दे दिए गए हैं। गुरुवार से परीक्षा शुरू कराकर तय समय पर पूरी करा ली जाएंगी। केन्द्र व्यवस्थापकों को परीक्षकों से संपर्क कर जल्द से जल्द परीक्षा कराने के लिए आदेश दिए गए हैं। सभी केन्द्रों पर पर्यवेक्षकों को तैनात कर दिया गया है।-मनोज कुमार, डीआईओएस
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