बैकबेंचर शख्स ने क्लियर की UPSC परीक्षा, बताया- किस बात ने बना दिया IPS अधिकारी
स्कूल में कक्षा के सबसे नटखट लड़के को प्रीफेक्ट बनाया गया था। हालाँकि, यह सिर्फ एक प्रीफेक्ट होने से बहुत अलग है। एक ऐसे आईपीएस अधिकारी की कहानी देखें, जिसने अपनी रुचियों को बदल दिया और अपने जीवन को कई अन्य लोगों के लिए प्रेरणा बना दिया। सी. सिलेंद्र बाबू ऐसे अधिकारियों में से एक हैं जिन्होंने कड़ी मेहनत की, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को पास किया और भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी बने।
हम बात कर रहे हैं, सी. सिलेंद्र बाबू ऐसे अधिकारियों में से एक हैं जिन्होंने कड़ी मेहनत की, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को पास किया और भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी बने। आइए उनके बारे में विस्तार से जानते हैं।सिलेंद्र बाबू अभी 59 साल के हैं। उनका जन्म वर्ष 1962 में हुआ था। वह 1987 बैच के तमिलनाडु कैडर के अधिकारी हैं। सिलेंद्र बाबू ने सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल कुझीथुरई में पढ़ाई की। उन्होंने कृषि कॉलेज और अनुसंधान संस्थान, मदुरै से कृषि में बीएससी पूरा किया। बाद में वह कोयंबटूर में अपनी पढ़ाई करने गए।उन्हें मद्रास विश्वविद्यालय द्वारा "मिसिंग चिल्ड्रेन" थीसिस पर पीएचडी से सम्मानित किया गया और 2013 में मानव संसाधन में एमबीए भी पूरा किया।
C Sylendra Babu (file photo), appointed as the new Director-General of Police (DGP) of Tamil Nadu succeeding JK Tripathy who retires on June 30. pic.twitter.com/tUpBdjAQ1P
— ANI (@ANI) June 29, 2021
जानें- IPS सी. सिलेंद्र बाबू: UPSC CSE के लिए क्या प्रेरणा थी?
स्कूल के दिनों में सिलेंद्र डॉक्टर बनना चाहता थे, लेकिन उनका ये सपना पूरा न हो सका। स्कूल पास होने के बाद उन्हें कॉलेज में प्रवेश मिला और वह वहां बैकबेंचरों में से एक थे। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, कॉलेज के अपने पहले दो वर्षों के दौरान वे कितने दुखी थे।
हालांकि, एक दिन, उनके कॉलेज का एक पूर्व छात्र भाषण देने आए। उनका चयन यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए हुआ था। उन्होंने ही कहा था कि कक्षा के अंत में बैठे लोग भी IAS, IPS अधिकारी बन सकते हैं। उनके ये शब्द सिलेद्र के जहन में बैठ गए।बता दें, सिलेद्र हमेशा स्कूल में NCC का हिस्सा रहे। उन्हें वर्दी से प्यार था। जिसके बाद उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी।
बता दें, कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद सिलेंद्र बाबू को इंडियन ओवरसीज बैंक ने एक अधिकारी के रूप में चुना। वह त्रिवेंद्रम में तैनात थे। इसके बाद, वह 1987 में UPSC CSE के लिए उपस्थित हुए और भारतीय पुलिस सेवा में चयनित हो गए। उन्हें तमिलनाडु कैडर दिया गया था। उन्होंने राष्ट्रीय पुलिस अकादमी हैदराबाद में प्रशिक्षण लिया और उनकी पहली पोस्टिंग सहायक पुलिस अधीक्षक, गोबिचेट्टीपलायम, सलेम और धर्मपुरी के रूप में हुई।
बाद में उन्हें डिंडुगल जिले, चेंगलपट्टू, शिवगंगई, कुड्डालोर और कांचीपुरम में तैनात एसपी पद पर पदोन्नत किया गया। उन्हें डिप्टी के रूप में भी तैनात किया गया था। बता दें, वर्तमान में, वह एडीजीपी, तटीय सुरक्षा समूह, तमिलनाडु हैं।आपको बता दें, उन्हें लोकप्रियता तब मिली जब उन्होंने 2008 में 'You too can become an IPS officer' पुस्तक लिखी। यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं युवा उम्मीदवारों के बीच उनकी ये किताब काफी पॉपुलर हुई थी। सी सिलेंद्र बाबू का जीवन निश्चित रूप से कई युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जिन्हें उनके आसपास के लोगों द्वारा कहा जा रहा है कि वे अच्छे नहीं हो सकते। साथ ही जो लोग अपने कॉलिंग की तलाश कर रहे हैं, वे सिलेंद्र बाबू को देख सकते हैं। वह उन उम्मीदवारों के लिए बहुत मददगार है जो सिविल सेवा परीक्षा को पास करना चाहते हैं।
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