Job Hopping : जल्दी-जल्दी नौकरियां बदल रहे हैं? जानें इसके नफा और नुकसान
जल्दी-जल्दी नौकरियां बदलने (एक साल पूरा होने से पहले ही, या हर दो-तीन साल में) की आदत से आपके बारे में कुछेक चीजों का पता चलता है। जैसे कि आपमें बेहतर सैलरी की चाह, नौकरी से जल्दी नाखुश होना, नौकरी को लेकर गंभीर ना होना और साथ ही, कंपनी के पैसे और समय बर्बाद करने को लेकर अपनी जिम्मेदारी का एहसास न होना।
हम यह भी समझते हैं कि कंपनी के अधिकारियों से खराब रिश्ते, वर्क-लाइफ बैलेंस, बेहतर लाभ, अच्छी कारपोरेट छवि या सीखने के मौके भी जल्दी-जल्दी नौकरियां बदलने वालों के लिए प्रेरणा का काम करते हैं।लेकिन, आपके करियर में कम से कम एक अवधि ऐसी हो, जिससे पता चल सके कि अगर आपको मदद करने वाला वातावरण मिले, तो आपका कार्य प्रदर्शन कैसा होगा। कंपनियां अपनी चयन प्रक्रिया में खतरों को कम करने के लिए ऐसे ही कुछ संभावित संकेतों को ध्यान में रखती हैं। जैसे-
एक कर्मचारी के बार-बार जॉब बदलने के पीछे काम के दौरान लिए गए गलत निर्णय हो सकते हैं, या काम पूरे करने की जिम्मेदारी से बचना भी हो सकता है। जैसेकि सीनियर पदों पर कुछ ऐसे निर्णय भी लिए जाते हैं, जिनके परिणाम आने में लंबा समय लगता है।
ऐसे में एक अच्छे कार्यप्रदर्शन की अवधि मानी जाएगी कि उस निर्णय से सम्बंधित परिणाम देखने, या उसमें सुधार करने या उसे एक तार्किक परिणाम तक पहुंचाने तक कर्मचारी कंपनी में रुकेगा।या कि वह एक ऐसा कर्मचारी है, जिस पर निर्भर नहीं किया जा सकता- जब तक कि उसके जॉब छोड़ने के पीछे कोई बड़े कारण ना हों (सिर्फ बेहतर सैलरी या लोकेशन सम्बंधी मुद्दे नहीं)।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट यह भी मानते हैं कि करियर ब्रेक लेना सकारात्मक होता है और कई बार आपके पक्ष में काम करता है। बस यह बेहतर सैलरी या लोकेशन के लिए ना किया गया हो। डाउनसाइजिंग, शॉर्ट कॉन्ट्रैक्ट के पूरा हो जाने, ट्रैवेलिंग, कुछ स्वेच्छा सेवा का काम, कोविड हेल्थ का मुद्दा, या अपना काम शुरू करने का निर्णय- इस तरह के करियर ब्रेक स्वीकार किए जाने योग्य हैं।
बदलती तकनीक के कारण आपका फोकस नए स्किल सीखने पर था, यह भी स्वीकार योग्य होगा, क्योंकि यह भी एक जरूरी चीज है।उम्मीदवार अतार्किक तरीके से कंपनी के बारे में नकारात्मक बातें कह रहा हो। यह आपकी छवि को कमतर करने का काम करेगा।
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