जेम पोर्टल के माध्यम से भर्ती होंगे संविदा कर्मचारी
सफाई में कमाई का खेल अब खत्म होगा। कमीशनखोरी को चलते सफाई नहीं हो पा रही थी। अभी तक मनचाहे ठेकेदारों को सफाई कर्मचारियों की आपूर्ति करने का ठेका दे दिया जाता था और इसमे बड़े पैमाने पर गड़बड़ी चलती थी। प्रभावशाली लोगों भी किसी न किसी तरह से इस गड़बड़ी में परदे के पीछे रहते थे। 140 करोड़ का बजट साल में बंदरबांट हो जाता था। ठेकेदार भी पचास की संख्या से ऊपर थे लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब शासन के निर्देश से नगर निगम जेम पोर्टल के माध्यम से ही सफाई कर्मचारियों की आपूर्ति लेगा। मतलब ग्लोबल टेंडर में कोई भी एजेंसी भाग ले सकेगी।
नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि अभी तक सेवाप्रदाता संस्थाओं की तरफ से सफाई कर्मियों को सड़क और नालियों की सफाई का ठेका दिया जाता था। शासन ने केंद्र सरकार की तरफ से विकसित किए गए गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस (जेम पोर्टल) के माध्यम से सेवाप्रदाता संस्थाओं के मध्य प्रतियोगात्मक आधार पर मानव संसाधन व सफाई कर्मी लेने के निर्देश दिए हैं। इसमे सफाई कार्य को शहर को दो हिस्सो में (सिस गोमती व ट्रांस गोमती) बांटा गया है,जेम पोर्टल के माध्यम से अलग-अलग प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे।
आमंत्रित प्रस्ताव में विस्तारित क्षेत्र की जनसंख्या को शामिल करते हुए पब्लिक हैल्थ मैनुअल के मानक तथा अतिविशिष्ट आवश्यकताओं व अतिरिक्त दायित्वों को देखते हुए श्रमिक व मानव संसाधन लिया जाएगा। शहर के एक हिस्से में काम करने वाली संस्था को दूसरे हिस्से में काम नहीं दिया जाएगा। शासन की तरफ से अगर किसी एजेंसी को कभी भी ब्लैकलिस्ट किया गया है तो वह ग्लोबल टेंडर में भाग नहीं ले पाएंगे।
कर्मी भी जेम पोर्टल से होंगेः नगर निगम के उद्यान, मार्ग प्रकाश, वाहन चालकों की तैनाती भी अब जेम पोर्टल के जरिये होगी। इसके अलावा जेम पोर्टल के माध्यम से मानव संसाधन व सफाई कर्मी लिये जाने से कार्यों को व्यवस्थित करने में आसानी होगी तथा सफाई व्यवस्था का बेहतर पर्यवेक्षण किया जा सकेगा। प्रतियोगात्मक वातावरण होने से खर्च में भी कमी आएगी।
कर्मचारी समायोजित होंगेः नगर आयुक्त ने महापौर संयुक्ता भाटिया जेम पोर्टल से टेंडर कराए जाने की जानकारी दी। महापौर ने बताया कि निरीक्षण दौरान बड़ी संख्या में सफाई कर्मियों की अनुपस्थिति और लगातार मिल रहीं शिकायतों को देखते हुए यह नई व्यवस्था की जा रही है। कर्मचारियों को हर माह की पांच तारीख को वेतन उनके खाते में मिलेगा। कर्मचारियों को समायोजित किया जाएगा।
यह भी लाभ होगा
- समय से वेतन न देने पर 18 प्रतिशत ब्याज भी देना पड़ेगा।
- किसी भी सफाई कर्मी को बिना नगर आयुक्त के अनुमोदन के नही हटा सकेगी।
- कार्यदायी संस्था द्वारा सफाई हेतु कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा।
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