CRPF में कांस्टेबल बनेंगे 400 आदिवासी युवा, योग्यता 10वीं से घटाकर 8वीं की गई
केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ में आदिवासी समुदाय के युवाओं को रोजगार देने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल ( सीआरपीएफ ) में कांस्टेबल की भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास से कम कर 8वीं पास करने का फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को नई दिल्ली में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का निर्णय लिया गया। गृह मंत्रालय के अनुसार इन युवाओं को भर्ती के दौरान शारीरिक मापदंडों में भी छूट दी जायेगी।
इस विशेष अभियान के तहत राज्य के नक्सल प्रभावित तीन जिलों बीजापुर, दंडेवाड़ा और सुकमा के 400 आदिवासी युवाओं की बल में एक रैली के जरिये भर्ती की जायेगी। इस भर्ती रैली के लिए स्थानीय अखबारों में विज्ञापन दिया जा रहा है तथा अन्य माध्यमों से भी यह जानकारी लोगों तक पहुंचायी जा रही है।
सीआरपीएफ ने छत्तीसगढ़ के अपेक्षाकृत पिछड़े क्षेत्रों से 400 मूल जनजातीय युवाओं को कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) के रूप में भर्ती करने का प्रस्ताव रखा है।
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल भर्ती के बाद इन युवाओं को ट्रेनिंग और प्रोबेशन के दौरान औपचारिक शिक्षा भी देगा। दसवीं तक की शिक्षा हासिल करने के बाद ही इन्हें सेवा में स्थायी किया जायेगा। इसके लिए उन्हें केन्द्र तथा राज्य सरकारों द्वारा मान्यता प्राप्त ओपन स्कूलों में पंजीकृत कराया जायेगा। उन्हें सभी शिक्षण सामग्री भी बल द्वारा ही मुहैया करायी जायेगी।
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल ने वर्ष 2016-17 में भी राज्य के चार जिलों बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और सुकमा से भर्ती किये गये आदिवासियों से बस्तरिया बटालियन का गठन किया था। हालांकि इस योजना का अधिक फायदा नहीं मिल सका क्योंकि आंतरिक क्षेत्रों के आदिवासी युवक दसवीं की अनिवार्य योग्यता को पूरा नहीं कर पाये।
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