Breaking

Primary Ka Master Latest Updates | Education News | Employment News latter 👇

शनिवार, 13 अगस्त 2022

Yuva Samvad India at 2047: युवा संवाद में बोले शिक्षा मंत्री, भविष्य में खत्म होंगी नौकरियां, बचाने के लिए कुशल बनें





Yuva Samvad India at 2047: युवा संवाद में बोले शिक्षा मंत्री, भविष्य में खत्म होंगी नौकरियां, बचाने के लिए कुशल बनें

Yuva Samvad India at 2047: केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को युवाओं से भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को कुशल बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भविष्य में आने वाली प्रौद्योगिकियां जीवन के हर क्षेत्र में बदलाव के साथ आएंगी, जिससे कई मौजूदा नौकरियां बेकार हो जाएंगी।

उन्होंने आह्वान किया कि ऐसे में हमें अभी से ही उनसे निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए और स्वयं के कौशल विकास की ओर ध्यान देना चाहिए। प्रधान शुक्रवार को युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित युवा संवाद : भारत @2047 समारोह को संबोधित कर रहे थे।  

सिर्फ परिवार नहीं अन्य वंचितों के लिए भी जिम्मेदारी समझें

केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री ने कहा कि भारत से दुनिया की उम्मीदें बढ़ी हैं और युवाओं को अब सिर्फ अपने परिवार या जिलों के लिए नहीं, बल्कि देश और अन्य देशों के वंचितों के लिए भी खुद को जिम्मेदार समझना चाहिए। प्रधान ने कहा कि विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की है कि 2025 तक, कई नौकरियां मशीनों द्वारा ले ली जाएंगी। इसलिए प्रौद्योगिकी के आगमन के साथ, आधे काम व्यक्तियों द्वारा और आधे मशीनों द्वारा किए जांएगे, जिसका स्पष्ट अर्थ है कि करोड़ों नौकरियां बेमानी हो जाएंगी और करोड़ों नई नौकरियों को बनाया जाएगा। 

 भारत की ओर से उम्मीद से देख रही दुनिया

प्रधान ने कहा कि वर्तमान दौर में देश से दुनिया की उम्मीदें बढ़ गई हैं। जब महामारी ने कहर बरपाना शुरू किया, तो हम पीपीई किट का निर्माण नहीं कर रहे थे और आज हम उनका निर्यात भी कर रहे हैं। इसी तरह, हमारे वैज्ञानिक इस अवसर पर उठे और कोविड-19 महामारी से बचाव के टीके विकसित किए और आज हम न केवल अपने लोगों की बल्कि अन्य देशों के लिए भी मांग को पूरा करते हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए हमारे युवाओं को अब खुद को अपने परिवारों के लिए, या जिलों के लिए जिम्मेदार नहीं मानना चाहिए बल्कि देश के लिए और अन्य देशों में वंचितों के लिए भी खुद को जिम्मेदार समझें। प्रधान ने कहा कि हमारे युवाओं को उनके लिए समाधान विकसित करने होंगे और इसलिए हमारी सोच वैश्विक होनी चाहिए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें