परिषदीय स्कूलों में उत्कृष्ट गतिविधियों का आयोजन करने वाले शिक्षक पुरस्कृत होंगे, क्या है तैयारी
बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों में स्तरीय पठन-पाठन को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। सबसे अधिक बच्चों की समझ को बढ़ाने का प्रयास हो रहा है। इसी क्रम में गतिविधि आधारित शिक्षा दी जा रही है। सभी गतिविधियों का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन हो इसे लिए स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने प्रत्येक जिले के बीएसए को पत्र लिखा है।
स्कूलों में साप्ताहिक गतिविधियों पर जोर : प्रयागराज के समन्वयक प्रशिक्षण डा. विनोद मिश्र ने बताया कि स्कूलों में अनुश्रवण व शासन से जारी साप्ताहिक गतिविधियों को कराने पर जोर है। प्रेरणा एक्टिविटी माड्यूल में जो भी शामिल है उसे अनिवार्य रूप से प्रधानाध्यापकों एवं शिक्षकों द्वारा अपलोड किया जाएगा। ऐसा इसलिए कि बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके। शिक्षकों द्वारा विद्यालय में कराई जाने वाली उत्कृष्ट गतिविधियों, क्रियाकलापों की प्रत्येक स्तर पर निगरानी होगी। जो भी शिक्षक अच्छा करेंगे, उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा।
बीएसए करेंगे निगरानी : खंड शिक्षा अधिकारी एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा इन गतिविधियों की पूरी निगरानी होगी। आवश्यकता के अनुसार शिक्षकों को अपेक्षित मार्गदर्शन भी दिया जाएगा। स्कूल में संपादित गतिविधियों की विद्यालयवार, विकासखंडवार एवं जनपदवार समीक्षा सभी खंड शिक्षा अधिकारी एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से की जाएगी।
प्रत्येक सप्ताह विद्यालय पर्यवेक्षण जरूरी : नई व्यवस्था में सहयोगात्मक पर्यवेक्षण एसआरजी, एआरपी डायट मेंटर द्वारा प्रत्येक सप्ताह विद्यालय पर्यवेक्षण जरूर किया जाएगा। यह देखा जाएगा कि प्रेषित गतिविधियों के अनुसार शिक्षण कार्य कराया जा रहा है अथवा नहीं। इसके साथ ही उनके द्वारा इन गतिविधियों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए शिक्षकों का अपेक्षित सहयोग भी प्रदान किया जाएगा। शिक्षक संकुल की बैठकों में भी विद्यालयों में इन गतिविधियों के प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा करते हुए आवश्यकतानुसार प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। यह सब कुछ शिक्षक और विद्यार्थी के बीच अच्छे संबंध, उनके बौद्धिक विकास के लिए कराया जा रहा है। विद्यार्थियों के सामान्यज्ञान और व्यावहारिक ज्ञान को भी समृद्ध करने का लक्ष्य है।
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