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शनिवार, 3 सितंबर 2022

तय हुआ मध्य प्रदेश के स्कूलों में बैग का वजन, जानें- कितने किलो का होना चाहिए बस्ता

 

तय हुआ मध्य प्रदेश के स्कूलों में बैग का वजन, जानें- कितने किलो का होना चाहिए बस्ता

मध्य प्रदेश सरकार ने स्कूली बच्चों को सप्ताह में एक बार बैग ले जाने से छूट देने और उन पर दबाव कम करने का फैसला किया है। राज्य में 1.30 लाख स्कूल हैं जिनमें 150 लाख से अधिक छात्र हैं।

मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तर्ज पर स्कूल नीति 2020 के तहत हल्के स्कूल बैग की नीति बनाई है। इसके तहत विभिन्न कक्षाओं के लिए निर्धारित वजन के स्कूल बैग की लिस्ट स्कूलों के नोटिस बोर्ड पर डिस्प्ले की जाएगी।

एमपी स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव प्रमोद सिंह द्वारा 29 अगस्त को जारी सर्कूलर में कहा गया है कि नई नीति का तत्काल प्रभाव से पालन किया जाना चाहिए, जिसमें कहा गया है कि सप्ताह में एक दिन  को- करिकुलम- एक्टिविटिज के लिए छात्रों के लिए “बैगलेस डे” होगा।

वहीं सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अगले तीन महीनों में निरीक्षण के लिए यादृच्छिक जांच शुरू करें और यह सुनिश्चित करें कि नई नीति के अनुसार स्कूल बैग का वजन हो।

नई गाइडलाइंस के मुताबिक स्कूलों को बिना किताबों के कंप्यूटर, नैतिक विज्ञान, सामान्य ज्ञान, खेल, शारीरिक शिक्षा, स्वास्थ्य और कला जैसे विषयों को पढ़ाने का निर्देश दिया गया है।


सर्कुलर में कहा गया है, "मध्य प्रदेश सरकार और एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित किताबों के अलावा कोई भी किताब स्कूल बैग में नहीं ले जानी चाहिए।"

जानें- कक्षा के अनुसार कितना होना चाहिए बैग का वजन

- कक्षा 1 और 2 के छात्रों को 1.6 किलोग्राम से 2.2 किलोग्राम वजन का स्कूल बैग ले जाना होगा।

- कक्षा 3, 4 और 5 में 1.7 किलोग्राम से 2.5 किलोग्राम वजन होगा।

- छठी और 7वीं कक्षा के छात्रों को  2 से 3 किलो वजन वाले स्कूल बैग ले जाने होंगे।

- कक्षा 8 से  कक्षा 9 के लिए 2.5 किलो से 4 किलो वजन वाले बैग होना चाहिए।

- कक्षा 10 में 2.5 किलो से 4.5 किलो बैग का वजन होना चाहिए।

इसमें आगे कहा गया है कि स्कूलों को कक्षा 11 और 12 के लिए अलग-अलग स्ट्रीम के अनुसार बैग का वजन निर्धारित करना चाहिए।इससे पहले इस साल जुलाई में, छत्तीसगढ़ सरकार ने भी "बैगलेस डे" घोषित किया था, जिसमें शनिवार को संस्थानों में योग, शारीरिक गतिविधि, खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

स्कूली शिक्षा विभाग ने स्कूलों में शिक्षा को अधिक आकर्षक और उपयोगी बनाने के उपायों को लागू किया है। प्रधानाध्यापकों को महीने के प्रत्येक शनिवार के लिए कार्यक्रम निर्धारित करने और उन योजनाओं को नोटिस बोर्ड पर पोस्ट करने की आवश्यकता होती है। अधिकारी ने यह भी बताया कि शनिवार को भी छात्रों का काम दिखाया जाएगा।

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