बायो टेक्नोलॉजी के एक्सपर्ट की कनाडा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर में है मांग, आप भी पढ़ें इसके करियर ऑप्शन
बायो टेक्नोलॉजी दो विषयों का कॉम्बिनेशन है - बायोलॉजी एवं टेक्नोलॉजी। देश में हम निरंतर नए शोध कर रहे हैं और नए परिणाम व खोज सामने ला रहे हैं। भारत में बायो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कई उद्योगों व क्षेत्रों में किया जा रहा है - फार्मास्यूटिकल उद्योग, केमिकल उद्योग, एग्रीकल्चर उद्योग, फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स, वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट्स, हॉटिकल्चर क्षेत्र, एनर्जी उद्योग, बायो प्रोसेसिंग यूनिट्स इत्यादि।
सहज भाषा में समझें तो बायो टेक्नोलॉजी का प्रयोग सेल बायोलॉजी, जेनेटिक्स और माइक्रोबायोलॉजी को समझने, एग्रीकल्चर पैदावार बढ़ाने, बीमारियों की रोकथाम के लिए आवश्यक दवाओं की खोज करने, खाद्य उत्पादन को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण जैसे कार्यों के लिए किया जाता है। बायो टेक्नोलोजी में मूलत दो पाठ्यक्रम हैं - 3 वर्षीय बीएससी इन बायो टेक्नोलोजी और 4 वर्षीय बीटेक इन बायो टेक्नोलोजी। कनाडा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और मध्यपूर्व के देशों में बायो टेक विशेषज्ञों की खासी मांग है।
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