ओबीसी छात्रों की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी होगी डिजिटल
पिछड़ा वर्ग के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी डिजिटल रूप से कराने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। साथ ही यूपी बोर्ड के ओबीसी मेधावी छात्रों को मुख्यमंत्री पुरस्कार योजना से सम्मानित किया जाएगा। दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने समीक्षा बैठक में इस बाबत निर्देश दिए।
नवीन भवन में बैठक लेते हुए नरेंद्र कश्यप ने कहा कि पिछड़ा वर्ग कल्याण की कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं की सूची बनाएं। विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों से इसके लिए समन्वय किया जाएगा। साथ ही अधिक बच्चों को इस योजना का लाभ देने के लिए इसके और बजट का प्रस्ताव भेजा जाए।
यूपी बोर्ड में कक्षा 10 व कक्षा 12 उत्तीर्ण अन्य पिछड़ा वर्ग के टॉपर्स मेधावी छात्रों के लिए मुख्यमंत्री पुरस्कार योजना के तहत सम्मानित एवं उत्साहवर्धन करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछड़ा कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति योजनाओं के कार्यक्रमों की सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से भी प्रसारित की जाए।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन के द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी लगाए ताकि उन्हें प्रोत्साहन मिले। मंत्री ने डॉ. शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ में दिव्यांगजन छात्रों का अधिक से अधिक पंजीकरण कराने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में प्रदेश सरकार के सहयोग से दिव्यांग विद्यार्थियों को नि:शुल्क शिक्षा, छात्रावास एवं भोजन की व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है।
विश्वविद्यालय में समस्त पाठ्यक्त्रस्मों में 50 प्रतिशत सीटें दिव्यांगजन के लिए आरक्षित हैं, जिसमें से 50 प्रतिशत अर्थात् कुल सीट का 25 प्रतिशत दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए आरक्षित किया गया है। विश्वविद्यालय में दिव्यांग छात्रों के लिए संचालित विशेष पाठ्यक्त्रस्म बीएड (श्रवणबाधितार्थ), बीएड (दृष्टिबाधितार्थ), बीएड (बौद्धिक अक्षमता), बीएएसएलपी (बैचलर आफ ऑडियोलॉजी और स्पीच-लैंग्वेज पैथोलॉजी) बीपीओ ( बैचलर आफ प्रॉस्थेटिक एंड ओर्थोटिक्स), एमएड (श्रवणबाधितार्थ), एमएड (दृष्टिबाधितार्थ), एमएड (बौद्धिक अक्षमता), एमपीओ (मास्टर आफ प्रॉस्थेटिक एंड ऑर्थोटिक्स) संचालित है। बैठक में अपर मुख्य सचिव हेमंत राव, निदेशक सत्य प्रकाश पटेल, वंदना वर्मा आदि मौजूद थे।
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