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मंगलवार, 20 दिसंबर 2022

Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन योजना पर इस नेता का बड़ा बयान, ‘भूत’ को मत जगाइए वरना कुछ नहीं बचेगा



 Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन योजना पर इस नेता का बड़ा बयान, ‘भूत’ को मत जगाइए वरना कुछ नहीं बचेगा

Sushil Modi on OPS: सरकारी कर्मचार‍ियों की तरफ से लगातार पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की जा रही है. कुछ राज्‍यों ने इसे बहाल कर द‍िया है तो कुछ अन्‍य राज्‍य पुरानी पेंशन की बहाली के ल‍िए तैयारी कर रहे हैं. हालांक‍ि केंद्र सरकार की तरफ से कुछ द‍िन पहले ही पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को लागू करने से साफ इंकार कर द‍िया गया है. केंद्र की तरफ से लोकसभा में एक प्रश्‍न के उत्‍तर में कहा गया क‍ि कुछ राज्यों ने इसे लागू करने के ल‍िए अपने स्तर पर नोटीफिकेशन जारी किया है. लेक‍िन एनपीएस (NPS) के पैसे वापसी के ल‍िए क‍िसी तरह का प्रावधान नहीं है.

भविष्य की पीढ़ी पर बोझ डालना बहुत बड़ा अपराध

व‍ित्‍त राज्‍य मंत्री भगवंत कराड के बाद अब भाजपा नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की राज्यों की घोषणा को 'अनैतिक' करार दिया. उन्‍होंन कहा, आज तो उन्हें कोई दिक्कत (पुरानी पेंशन को लागू करने में) नहीं होगी लेकिन 2034 में उनकी हालत श्रीलंका जैसी हो जाएगी. राज्यसभा में अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सांसद ने पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली की घोषणा करने वाले राज्यों से कहा कि उनके द्वारा आज का बोझ भविष्य की पीढ़ी पर डालना ‘बहुत बड़ा अपराध’ होगा.

इन राज्‍यों में बहाल हुई व्‍यवस्‍था

आपको बता दें कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल कर दी गई है, जबकि हिमाचल प्रदेश में इसे लागू करने का वादा किया गया है. पंजाब में भी यह व्यवस्था बहाल हो गई है. सुशील मोदी ने कहा जब राज्य आगे बढ़ेंगे तभी देश आगे बढ़ेगा लेकिन पिछले कुछ दिनों से देश के कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की घोषणा की गई है.

सरकारों के लिए अहम देनदारियां पैदा होंगी

उन्होंने कहा, 'पुरानी पेंशन योजना में जाना शर्मनाक, गैर-सैद्धांतिक और अनैतिक होगा क्योंकि इससे भविष्य की सरकारों के लिए महत्वपूर्ण देनदारियां पैदा होंगी, उनके आर्थिक प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.' मोदी ने कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए बोझ छोड़कर जाएं, यह ब‍िल्‍कुल भी उचित नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘आज आपको कोई दिक्कत नहीं होगी लेकिन 2034 में जो सरकार आएगी, उसकी अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी. भारत के बहुत सारे ऐसे राज्य होंगे, जिनकी हालत श्रीलंका जैसी हो जाएगी.

2004 में राज्‍यों को एक मंच पर लाया गया

उन्होंने कहा, ‘इसलिए मैं आग्रह करूंगा कि पुरानी पेंशन योजना के भूत को मत जगाइए. यह बहुत बड़ा खतरा है. हम पूरे देश को संकट में डाल देंगे.’ मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में पुरानी पेंशन योजना के स्थान पर नई पेंशन योजना इस देश में शुरू हुई थी, उस समय सभी राज्यों को एक मंच पर लाने का काम किया गया था.

उन्होंने कहा कि इस समय पांच लाख 76 हजार करोड़ रुपये का, प्रत्येक वर्ष केवल पेंशन के रूप में राज्यों और केंद्र को भुगतान करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, 'हिमाचल प्रदेश अपने कुल राजस्व का 80 प्रतिशत केवल पेंशन पर व्यय करता है. बिहार का 60 प्रतिशत और पंजाब का 34 प्रतिशत पेंशन पर व्यय होता है. अगर आय और ब्याज को जोड़ दिया जाए तो राज्यों के पास कुछ भी नहीं बचेगा.' उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे आज का बोझ भविष्य की पीढ़ी पर ना डालें. उन्होंने कहा, 'ऐसा करना बहुत बड़ा अपराध होगा.

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