लखनऊ। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) सुपरवाइजर एसोसिएशन की प्रदेश कार्यकारिणी की सोमवार को वर्चुअल बैठक हुई। इसमें सरकार से कोरोना काल को देखते हुए मुख्य सेविकाओं के तबादले में 20 प्रतिशत स्थानांतरण के मानक को शिथिल करते हुए सिर्फ उनके निजी अनुरोध पर ही स्थानांतरित करने की मांग की गई। एसोसिएशन ने प्रोन्नति कोटे से भरे जाने वाले रिक्त पदों पर मुख्य सेविका व सीडीपीओ को प्रोन्नति दिए जाने की भी मांग की है।
एसोसिएशन की प्रांतीय अध्यक्ष रेनू शुक्ला ने बताया कि कोरोना काल में बहुत सी मुख्य सेविकाओं ने अपने पति व बच्चों और अभिभावकों को खोया है। वर्तमान में भी तमाम सेविका कोविड और पोस्ट कोविड समस्याओं से जूझ रही हैं। फिर भी वे अपने बच्चों आदि को घर पर छोड़कर निरतंर काम कर रही हैं। अब संभावित तीसरी लहर में बच्चों के जीवन को खतरा बताया जा रहा है। इस स्थिति को देखते हुए सरकार से यह मांग की गई है कि सरकार द्वारा घोषित तबादला नीति में 20 प्रतिशत तबादला करने के प्रावधान से मुख्य सेविकाओं को मुक्त रखा जाएगा और सिर्फ निजी अनुरोध पर ही उनका तबादला किया जाए। ताकि वह कोरोना से उत्पन्न हुए संकट से खुद को उबारने में उन्हें मदद मिल सके।
प्रमोशन देने की उठी मांग बैठक में वर्ष 2016 से ही एसीपी देने के संबंध में बैठक न होने को लेकर भी रोष जताया गया है। एसोसिएशन की अध्यक्ष ने बताया कि 2009 ने आज तक मुख्य सेविकाओं को प्रोन्नति नहीं दी गई है। जबकि विभाग में प्रोन्नति कोटे से भरे जाने वाले सीडीपीओ के 449 में से मात्र 30 पद ही भरे हैं। इसी प्रकार सीधी भर्ती के 897 पदों में से 325 पद ही भरे हैं। शेष पद खाली हैं। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सभी रिक्त पदों पर तत्काल प्रमोशन देने की भी मांग की है।
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