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शुक्रवार, 2 जुलाई 2021

स्केलिंग,महिला आरक्षण के मुद्दे पर गतिरोध बरकरार


                                 स्केलिंग,महिला आरक्षण के मुद्दे पर गतिरोध बरकरार

 प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) में नए अध्यक्ष संजय श्रीनेत के ज्वाइन करने के बाद भी कई मुद्दे अब तक अनसुलझे हैं। पीसीएस परीक्षा में स्केलिंग, सभी भर्ती परीक्षाओं के रिजल्ट के साथ प्रतीक्षा सूची जारी किए जाने, परिणाम वाले दिन ही कटऑफ अंक और मार्कशीट जारी किए जाने जैसे तमाम मुद्दों को लेकर गतिरोध बना हुआ है। 

आयोग के अध्यक्ष ने अब कहा है कि कोविड की स्थिति सामान्य होने पर वह हर बृहस्पतिवार और आयोग के सचिव बुधवार को प्रतियोगी छात्रों से मिलकर उनकी समस्या जानेंगे और प्रयास करेंगे कि 15 दिनों में समस्या का निराकरण हो जाए। अध्यक्ष के इस बयान के बाद प्रतियोगी छात्रों में उम्मीद जगी है और वे अध्यक्ष से मिलने के लिए मांगों की लंबी फेहरिस्त तैयार कर रहे हैं।

आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए और इनमें से ज्यादातर बदलाव विवादित रहे। अभ्यर्थी लगातार दावा कर रहे हैं कि आयोग ने पीसीएस2019 से स्केलिंग समाप्त कर दी है। पीसीएस परीक्षा के अंतिम चयन परिणाम पर इसका असर भी देखने को मिला और हिंदी पट्टी के अभ्यर्थियों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। वहीं, पूर्व में आयोग भर्ती परीक्षा के रिजल्ट वाले दिन ही कटऑफ अंक, मार्कशीट एवं अंतिम उत्तर कुंजी जारी कर देता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया भी बंद हो गई है। इससे अभ्यर्थियों को अपना मूल्यांकन करने में दिक्कत आ रही है। 

अभ्यर्थी लगातार मांग कर रहे हैं कि सभी भर्ती परीक्षाओं के रिजल्ट के साथ प्रतीक्षा सूची जारी की जाए, ताकि ओवरएज रहे अभ्यर्थियों के लिए चयन के अवसर बढ़ सकें। महिला आरक्षण का मुद्दे को लेकर भी लगातार विवाद बना हुआ है। यूपीपीएससी की भर्ती परीक्षाओं में अन्य राज्यों की महिला अभ्यर्थियों को क्षतिज आरक्षण का लाभ दिए जाने से यूपी की महिला अभ्यर्थियों के लिए चयन के अवसर तेजी से कम हुए हैं। वहीं, प्री और मेंस में सफलता के मानक बदले जाने से अभ्यर्थियों को सबसे सबसे बड़ा झटका लगा है। 

पहले प्रारंभिक परीक्षा में पदों की संख्या के मुकाबले 18 गुना और मुख्य परीक्षा में तीन गुना अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया जाता था, लेकिन पूर्व अध्यक्ष के कार्यकाल में इसे घटाकर क्रमशः 13 एवं दो गुना कर दिया गया। अभ्यर्थी इसका लगातार विरोध कर रहे हैं। कॉपियों के मूल्यांकन को लेकर भी अभ्यर्थी सवाल उठाते रहे हैं। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि समिति की ओर से आयोग के अध्यक्ष से मिलने का समय मांगा जाएगा और उनके समक्ष ये सभी मुद्दे उठाए जाएंगे।


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