यूपी में भिखारियों, तलाकशुदा लोगों के बच्चों को हर महीने 2500 रुपया देगी सरकार
सरकार ने इंटरमीडिएट (10+2) के बाद स्नातक, नीट, जेई जैसे राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाएं उत्तीर्ण करने वाले छात्र भी आर्थिक मदद देने का फैसला किया गया है. इन बच्चों की आयु सीमा 18 से 23 वर्ष होनी चाहिए. राज्य सरकार की तरह से कहा गया है कि कोविड महामारी के काल में एक मार्च 2020 के बाद जिन बच्चों के माता-पिता की मौत हुई है, वहीं लोग आवेदन कर सकते है. योजना के रुप में मिलने वाले 2500 रुपये प्रतिमाह की राशि को छह माह में 15 हजार के रुप में भेजा जाएगा. 18 से कम आयु होने की स्थिति में बच्चे के माता या पिता अथवा बाल कल्याण समिति द्वारा किशोर न्याय अधिनियम-2015 के प्रावधानों के अनुसार अभिभावक का खाता खोला जाएगा.
योजना के लाभ के लिए कुछ जरुरी बातें
यूपी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) 2021 के आवेदन के लिए फोटो पहचान पत्र, पैन कार्ड, पेंशनर फोटो, आईडी कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आइडी, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, बैंक पासबुक में से कोई एक पहचान पत्र के साथ-साथ बच्चों को गोद लेने का विविध प्रमाण पत्र चाहिए, इसके अलावा आवेदन में माता या पिता में से किसी एक का मृत्यु प्रमाण पत्र चाहिए. सबसे खास बाल सेवा योजना का लाभ लेने के लिए बच्चों को (0-5 तक के बच्चों को छोडकर) किसी भी मान्यता प्राप्त विद्यालय में पंजीकरण होना है. ऐसा नहीं होने पर योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा.
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