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सोमवार, 9 अगस्त 2021

डीयू के छात्रों की पढ़ाई नहीं होगी बाधित, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की तैयारी कर रहा DU

 


 डीयू के छात्रों की पढ़ाई नहीं होगी बाधित, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की तैयारी कर रहा DU

  छात्रों के लिए अच्छी खबर है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर या किसी अन्य तरह के व्यवधान के बाद भी डीयू के छात्रों की पढ़ाई किसी भी हाल में बाधित नहीं होगी। इसके मद्देनजर डीयू बड़े स्तर पर ई-लर्निंग के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की तैयारी कर रहा है। छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए डीयू ने दिल्ली युनिवर्सिटी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट फॉर कॉलेज एंड डिपार्टमेंट नाम से समिति बनाई है। समिति के चेयरमैन प्रो. पंकज अरोड़ा के मुताबिक, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह समिति कॉलेज और विभाग का सहयोग करेगी। यह उसी तरह से होगा जैसे केंद्र सरकार का मैसिव ऑनलाइन कोर्स (मूक) प्रोग्राम है। चाहे कोरोना की तीसरी लहर हो या कोई अन्य कारण हो छात्रों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी। इसके लिए व्यापक स्तर पर ऑनलाइन कोर्स तैयार किया जाएगा। यह कार्य इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ लांग लर्निंग डिपार्टमेंट कॉलेज व विभागों के सहयोग के साथ करेगा और उनको इस दिशा में प्रशिक्षित भी करेगा।

प्रो. अरोड़ा ने बताया कि यह एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। नई शिक्षा नीति में भी डिजिटल एजुकेशन की बात है और हम लोग इस दिशा में जा रहे हैं। इसलिए एक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की तैयारी कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि कॉलेज अपने स्तर पर तकनीकी का प्रयोग करके अपने वीडियो या एनिमेशन बना सकें। वह ई-लर्निंग का मैटेरियल विकसित कर सकें। उनको सुविधा देने और प्रशिक्षित करने के लिए यह समिति बनी है। डीयू संभवत: देश का पहला विश्वविद्यालय है जो लगभग 91 विभाग और 80 कॉलेजों को सशक्त करने की तैयारी कर रहा है।

शिक्षकों को सशक्त बनाना भी उद्देश्य

प्रो. अरोड़ा ने कहा कि यह समिति शिक्षकों को भी सशक्त करेगी। इससे वह अपना विषय ऑनलाइन सुदूर छात्रों तक आसानी से पहुंचा सकेंगे। इस तरह किसी भी स्थिति में छात्रों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी।

आईएलएलएल प्रशिक्षण देगा

डीयू का इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ लांग लर्निंग (आईएलएलएल) इसके लिए एक नोडल संस्थान है। इसका काम केवल मूलभूत सुविधाएं विकसित करना ही नहीं बल्कि उन सुविधाओं को प्रभावी ढंग से प्रयोग करने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करना भी होगा। इसके लिए कॉलेजों के शिक्षकों को आमंत्रित भी किया जाएगा।  

15 कॉलेज में होगा स्टूडियो

प्रो.पंकज अरोड़ा ने कहा कि स्टूडियो बनाने के लिए डीयू के 15 कॉलेजों से केवल कमरा देने की बात कही गई है, बाकी सभी जरूरी उपकरण डीयू देगा। उपकरण को चलाने का प्रशिक्षण भी डीयू देगा।  कोट आने वाले समय में हमें ऐसे साफ्टवेयर बनाने जरूरी है जिससे कक्षाएं सुचारू रूप से संचालित हो सकें। डीयू के पास जिस तरह का मानव संसाधन है। उससे हम काफी व्याख्यान वीडियो, ऑडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं और एडिट भी कर सकते हैं। विश्वविद्यालय स्तर पर हम लोग कॉलेजों का सहयोग करना चाहते हैं कि ताकि उनके पास डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो जाए। - प्रो.पीसी जोशी, कार्यवाहक कुलपति, डीयू

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