डीयू में टेक्निकल कोर्स शुरू करने के लिए बनाई समिति, कई विषयों में शुरू हो सकता है बीटेक
दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने यहां तकनीक की पढ़ाई शुरू करने के लिए समिति बनाई है और बेहतर कोर्स शुरू करने के लिए पाठ्यक्रम के लिए सुझाव मांगा है। विश्वविद्यालय संभवत: अगले सत्र से बीटेक के कोर्स के अलावा इंडस्ट्री 4.0 की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कोर्स शुरू करेगा। डीयू के नव नियुक्त कुलपति प्रो.योगेश सिंह ने बताया कि उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.डीएस चौहान समिति के चेयरमैन हैं। डीन टेक्नोलॉजी के अलावा डीटीयू के प्रो. मधुसूदन सिंह सहित कुछ अन्य सदस्य हैं। उन्होंने बताया कि समिति जो सुझाव देगी उस पर अमल किया जाएगा।
विश्वविद्यालय इंडस्ट्री 4.0 की जरूरतों के हिसाब से कोर्स शुरू करेगा। उन्होंने बताया कि बीटेक कोर्स के अलावा मुख्य रूप से कंप्यूटर साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालाटिक्स, आईओटी, बीटेक इलेक्ट्रानिक और कुछ अन्य कोर्स शुरू करेंगे। बाकी जो कमेटी निर्णय सुझाएगी उसके आधार पर फैसला लिया जाएगा।
अगले साल दाखिला होने की संभावना
प्रो.योगेश सिंह ने कहा कि हमारी कोशिश है कि यह कोर्स अगले सत्र से शुरू करें। यदि अगले साल किसी कारण से नहीं शुरू कर पाता है तो उसके अगले साल जरूर करेंगे। हमारा पूरा ध्यान इसे अगले साल शुरू करने पर होगा।
दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग बना डीटीयू
दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एक समय दिल्ली का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज था। लेकिन अब इसे दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कहा जाता है। जुलाई 2009 में दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग को केन्द्रीय सरकार के अंदर एक मामूली कॉलेज से बढ़ाकर एक राज्य विश्वविद्यालय बना दिया गया और उसके नाम को दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बिल 2009 के माध्यम से बदलकर दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय रखा गया। इस तरह डीयू का इंजीनियरिंग कॉलेज अब डीटीयू के नाम से जाना जाता है।
एनएसयूटी भी हुआ अलग
दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध था और यह भी इंजीनियरिंग का संस्थान था। लेकिन, 1997 में इसका नाम बदलकर नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कर दिया गया और 2018 में इसे एक राज्य विश्वविद्यालय बनाया गया। अब इसका नाम नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी है।
कहां बनेगा कैंपस तय नहीं
डीयू के कुलपति प्रो.योगेश सिंह ने बताया कि इस विभाग का कैंपस कहां बनेगा अभी तय नहीं है। ज्ञात हो कि डीयू के पास दिल्ली में लगभग 90 एकड़ से अधिक भूमि है। इसमें पूर्वी कैपस, सुविधा केंद्र और दो नए कॉलेज खोलने का प्रस्ताव है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें