आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेस्ट से छात्रों की सीखने की कमी होगी दूर
स्कूली छात्रों में सीखने की कमी को पूरा करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टेस्ट का मंच उपलब्ध कराया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर राजधानी के 10 राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय को इसके लिए चुना गया है। इस टेस्ट की मदद से छात्र विषय संबंधी मजबूती और कमजोरियों को जान सकेंगे।
बहुविकल्पीय आधारित होंगे टेस्ट
शिक्षा निदेशालय की साइंस और टीवी ब्रांच की ओर से एआई आधारित बहुविकल्पीय टेस्ट कराने की अनुमति के संबंध में निदेशालय ने परिपत्र भी जारी किया है। आईआईटी कानपुर के सहयोग वाली एक निजी कंपनी द्वारा यह कार्यक्रम चलाया जाएगा। जिसको लेकर स्कूल प्रमुखों को दिशा-निर्देश जारी किए है। जिसमें स्कूल कार्य प्रभावित न होने और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश है। प्रोजेक्ट प्रक्रिया के दौरान छात्रों और अभिभावकों की निजता प्रभावित नहीं होनी चाहिए।
विषय की मजबूती और कमजोरी को जान सकेंगे
दरअसल, एआई टेस्ट मंच उपलब्ध कराने वाली कंपनी के अनुसार एक सर्वेक्षण कराया गया था। जिसमें निजी और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के बीच कोविड-19 अवधि में छात्रों में सीखने की क्षमता में अंतर देखने को मिले है। उस कमी को पूरा करने के लिए आई टेस्ट मंच लाया गया है। जिससे छात्र विषय संबंधी कमियों और अपनी मजबूतियों को जान सकेंगे। जिसको लेकर निदेशालय को प्रस्ताव भेजा था। जिसे शिक्षा निदेशालय ने मंजूरी दी है।
पायलट प्रोजेक्ट में है यह दस स्कूल शामिल
एआई टेस्ट के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर द्वारका सेक्टर-5, 10, 19, रोहिणी फेज-2, गांधी नगर, नरेला, किशन गंज, गौतम पुरी, नंद नगरी और सिविल लाइंस स्थित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालयों को शामिल किया गया है।
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