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बुधवार, 8 दिसंबर 2021

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का मिशन, बच्‍चों में राष्‍ट्रीयता और स्वाभिमान की अलख जगाने की कोशिश



 अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का मिशन, बच्‍चों में राष्‍ट्रीयता और स्वाभिमान की अलख जगाने की कोशिश

पने कर्तव्य का भान करो। फैला जो हलाहल है राष्ट्र में, नीलकंठ बन पान करो। तुम हो राष्ट्र के नव दिनकर, तुम ही भारत भाग्य विधाता। गर विमुख हुए कर्तव्य मार्ग से, देश रसातल में जाता...।' सौरभ पांडेय पवन लिखित इन्हीं पंक्तियों के भाव को समेटते हुए तमाम इबारत नीवां गांव और कटरा के पीला शिवाला के पास चलने वाली पाठशाला में हर शाम सुनने और देखने को मिलती है। दोनों पाठशालाओं में उत्साह से लबरेज लगभग सौ बालक व बालिकाएं गर्मजोशी से भारत माता की जय, वंदे मातरम का उद्घोष भी करते मिलते हैं।

क्रांति की धरा पर 'क्रांतिकारी की पाठशाला'

जमीन पर बिछी पट्टियों पर बैठी भावी पीढ़ी की यह टोली किसी सरकारी या निजी स्कूल की नहीं है। ये बच्चे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के स्टूडेंट फार सेवा कार्य शाखा की तरफ से चलने वाली पाठशाला के विद्यार्थी हैं। इनमें सबसे पहले राष्ट्रीयता, सेवा, समर्पण व नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाता है। स्वाभिमान की भी अलख जगाने की कोशिश है। खास बात यह कि सभी बालक-बालिकाएं सेवा बस्तियों के हैं। ये किसी अन्य विद्यालय के विद्यार्थी नहीं हैं। यहां बच्चों को गिनती, अक्षर ज्ञान, सामान्य गणित, अंग्रेजी आदि की भी शिक्षा दी जा रही है।

निश्‍शुल्‍क पाठशाला का आयोजन

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के काशी प्रांत स्टूडेंट फार सेवा के सह संयोजक अनुपम त्रिपाठी बताते हैं कि संगठन ने प्रदेश भर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, अमर शहीद क्रांतिकारियों व अन्य महापुरुषों के नाम पर सेवा बस्तियों में निश्शुल्क पाठशाला शुरू करने का निर्णय लिया है।

प्रयागराज में शहीद भगत सिंह व नेताजी सुभाष चंद्र बोस पाठशाला

पाठशाला की शुरुआत काशी प्रांत के संगम नगरी से हो चुकी है। पहले चरण में दो पाठशालाएं चल रही हैं। नीवां गांव की पाठशाला शहीद भगत सिंह व कटरा के पीला शिवाला के पास चलने वाली पाठशाला का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस रखा गया है। जल्द ही कीडगंज, अल्लापुर व मम्फोर्डगंज क्षेत्र में भी यह पहल दिखाई देगी। यहां स्वामी विवेकानंद, अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद व लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर पाठशाला का संचालन होगा।

प्रतियोगी छात्रों के सहयोग से चल रही कक्षाएं

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि पाठशालाओं के संचालन में 23 सदस्यों की टीम लगी है। यह सभी अपने स्तर से संसाधन जुटा रहे हैं। विद्यार्थियों को निश्शुल्क पुस्तकें, कापियां, रबर, पेंसिल व अन्य वस्तुएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। अध्यापन के लिए समर्पित प्रतियोगी छात्रों का सहयोग मिल रहा है। सुभाष चंद्र बोस पाठशाला में शोभित सिंह व राजशेखर, शहीद भगत सिंह पाठशाला में मिथुन निषाद, अभिजीत पांडेय, विराट निषाद, अमित मिश्र कक्षाएं ले रहे हैं।

कक्षा व समय सारिणी के अनुसार कक्षाएं संचालित

सेवा कार्य प्रमुख कमल नयन ने बताया कि पाठशालाओं में कक्षा और विषय के अनुसार समय सारिणी बनाकर क्रमवार पढ़ाई हो रही है। किताबों से जैसे ही बच्चों का नाता जुड़ता दिखता है, उनका प्रवेश नियमित रूप से स्थानीय विद्यालयों में कराया जाता है। जिससे वह मुख्य धारा से जुड़ सकें। यदि वह विद्यालय नहीं भी जाना चाहते हैं तो भी उन्हें सामान्य व्यावहारिक शिक्षा जरूर दी जाती है। भीख मांगने की प्रवृत्ति को भी खत्म करने का प्रयास हो रहा है। प्रत्येक बालक को स्वाभिमानी और राष्ट्र प्रेमी बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

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