CBSE 10th exam: 'पतियों की बात नहीं मानती महिलाएं, इसलिए बिगड़ते हैं बच्चे', CBSE के इस सवाल पर मचा बवाल
CBSE 10th exam: सीबीएसई बोर्ड 10वीं के एग्जाम्स शुरू हो चुके हैं. हाल ही में cbse के एक पेपर में comprehension में ऐसा जिक्र किया गया, जिसपर बवाल मचा हुआ है. पेपर में पूछे गए comprehension में एक लाइन थी, ‘बच्चे और नौकर अनुशासित हैं क्योंकि पत्नियों ने अपने पतियों की बात माननी बंद कर दी है ‘(Children and servants are indisciplined because wives stopped obeying their husbands).इस सवाल से सीबीएसई बोर्ड पर चारों ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं. सीबीएसई को शिक्षकों, माता-पिता और राजनेताओं सहित लोगों से प्रतिक्रिया मिली है.
पैराग्राफ में आगे लिखा था- “women gaining independence is the main reason for a wide variety of social and family problems”. “Emancipation of the wife destroyed the parent’s authority over the children. The mother did not exemplify the obedience upon which she tried to insist,” It added, “In bringing the man down from his pedestal the wife and mother deprived herself, in fact, of the means of discipline.” (महिलाओं का स्वतंत्रता पाना ही सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं में विविधता का मुख्य कारण है. “पत्नी की आजादी ने बच्चों पर माता-पिता के अधिकार को खत्म कर दिया. माँओं ने वैसी आज्ञाकारिता का उदाहरण नहीं दिया जिस पर उसने जोर देने की कोशिश की थी
यहां पढ़ें सीबीएसई पेपर में दिया गया पैराग्राफ-
सीबीएसई कक्षा 10 के अंग्रेजी के पेपर में पूछे इस पैराग्राफ को ‘जेंडर स्टीरियोटाइपिंग’ कहा जा रहा है, जिसपर विवाद जारी है. इसपर प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) ने भी प्रतिक्रिया दी.
This outrageously nonsensical reading passage appeared in the 10th CBSE board exam paper today. What are we teaching our children? CBSE has to give an explanation and tender an apology for inflicting our children with this.@Jairam_Ramesh @jothims @kavithamurali
— Lakshmi Ramachandran (@laksr_tn) December 11, 2021
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बोर्ड ने कहा है, सीबीएसई अब इस मामले पर दोबारा विचार कर रही है. “सीबीएसई कक्षा 10 प्रथम सत्र की परीक्षा के अंग्रेजी पेपर के एक सेट में कुछ माता-पिता और छात्रों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है, जिसमें कहा गया है कि “यह परिवार पर प्रतिगामी धारणाओं का समर्थन करता है और कथित तौर पर लैंगिक रूढ़िवादिता को बढ़ावा देता है.”केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने एक बयान में कहा, ‘‘यह उल्लेखित किया जाता है कि दोनों प्रश्न सही थे और कोई दुविधा नहीं थी. अंश इस टिप्पणी से शुरू होता- ‘नीचे दिए अंश को पढ़िये और बाद में दिये गए सवालों के उत्तर दिए गए विकल्पों में सबसे उचित विकल्प का चयन करते हुए दीजिये या पंक्ति को पूरा करिये. प्रश्नों के उत्तर निर्देशों के तहत दिये जाने थे, न कि अलग से.
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