यूपी के अभ्यर्थियों ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, सिविल सेवा परीक्षा में मिले दो अतिरिक्त मौके
कोरोना महामारी के कारण शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र बचा हो, जिसे इसकी बड़ी कीमत न चुकानी पड़ी हो। ऐसा ही एक बड़ा वर्ग है जो कोरोना महामारी से उपजी परिस्थितियों के चलते दर-दर भटकने को मजबूर है। बात हो रही है संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा और अन्य एसएससी व बैकिंग (केंद्रीय परीक्षाओं) की तैयारी कर रहे करीब ढाई से तीन करोड़ अभ्यर्थियों की। कोरोना महामारी के कारण अभ्यर्थी परीक्षाओं में शामिल तो हुए, मगर विपरीत परिस्थितियों के कारण अपने कौशल का प्रदर्शन नहीं कर सके।
अभ्यर्थियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर दोबारा परीक्षा कराए जाने की गुहार लगाई है।अभ्यर्थी साेहन कुमार और सिविल सेवा परीक्षा प्री क्वालीफाई करने वाली बबीता ने बताया कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा सिविल सेवा परीक्षा 2020-2021 में आयोजित की गई, मगर कोरोना महामारी के कारण उपजी परिस्थितियों में परिजनों को खोने, स्वयं महामारी की चपेट में आने, डिजिटल डिवाइस व किताब आदि उपलब्ध न होने और मानसिक तनाव के बीच ग्रामीण एवं दूर-दराज के क्षेत्रों के लगभग ढाई से तीन करोड़ अभ्यर्थी विभिन्न परीक्षाओं में शामिल तो हुए मगर अपनी संपूर्ण योग्यता और कौशल का का उपयोग और प्रदर्शन नहीं कर सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए पत्र में सोहन और बबीता ने लिखा है कि इस वैश्विक आपदा से पैदा हुई भयंकर परिस्थितियों से राहत देने के लिए सिविल सेवा एवं अन्य केंद्रीय परीक्षाओं में 2022 और 2023 में दो अतिरिक्त अवसर प्रदान किए जाने से इन युवाओं के भविष्य को नया मोड़ मिल सकता है। यह युवा देश के निर्माण में अपनी बेहतर सेवा और योगदान दे सकते हैं। बबीता और सोहन समेत बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को केंद्र और राज्य सरकारों से दोबारा परीक्षा कराए जाने को लेकर बड़ी आस है। अभ्यर्थी सोहन की ओर से मांग को लेकर भूख हड़ताल भी की गई और मामले की गुहार उच्चतम न्यायालय से भी लगाई गई। अपनी मांग को लेकर अभ्यर्थी मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से भी मिल चुके हैं।
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