इंटरनेट स्पीड ने धीमी की आनलाइन पढ़ाई की रफ्तार
कोरोना की तीसरी लहर में सुबह समय से पढ़ाई के लिए मोबाइल पर जूम मीटिग के जरिए बच्चे जुड़ते हैं। सभी के जुड़ने के इंतजार के बीच जैसे ही पढ़ाई शुरू होती है, इंटरनेट के सिग्नल ही गायब हो जाते हैं। शिक्षकों द्वारा दिए गए शैक्षिक वीडियो पूरा देखने से पहले ही कंपनी की ओर से मैसेज आ जाता है कि आप 90 फीसद डेटा उपयोग कर चुके हैं। ऐसे बीच में पढ़ाई रुकने से पूरा शेड्यूल गड़बड़ा जाता है।
फिर फोन कर शिक्षकों से पूछना पड़ता है । ये समस्या इंटरमीडिएट के छात्र निर्भय सिंह ने बयां की है। इसी तरह 11वीं कक्षा के मुकुल कुमार ने बताया कि सिग्नल न मिलने से ठंड में भी खुले आंगन में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है। आधे या एक घंटे निर्बाध पढ़ाई नहीं हो पाती है।
यह है छात्र-छात्राओं की समस्या
कोरोना संक्रमण काल में इंटरनेट की अनुपलब्धता व धीमी स्पीड से लगातार विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। माध्यमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं खासतौर पर हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों को आनलाइन पढ़ाई के जरिए प्री-बोर्ड परीक्षा की तैयारी कराई जा रही है। मगर लड़खड़ाती इंटरनेट स्पीड ने आनलाइन पढ़ाई की रफ्तार को कम कर दिया है। प्रधानाचार्यों ने भी बताया कि आनलाइन पढ़ाई के दौरान इंटरनेट गड़बड़ाने से पूरी कक्षा डिस्टर्ब हो जाती है। शासन से मांग की कि जब आनलाइन पढ़ाई पर भी निर्भर हैं तो पढ़ाई के लिए इंटरनेट प्रदाता कंपनियों से वार्ता कर इंटरनेट डेटा व बेहतर स्पीड की व्यवस्था कराएं। विद्यार्थी हित में ये कदम उठाया जाना चाहिए।
खराब होता है समय
मां मल्लिकपुर भवानी इंटर कालेज के प्रधानाचार्य राम अवतार यादव ने बताया कि कई बार इंटरनेट सिग्नल फेल होने या स्पीड धीमी होने से पढ़ाई बाधित हो जाती है। फिर दोबारा सभी बच्चों को एक साथ जोड़ने में ही समय खराब हो जाता है।
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