ओमिक्रोन की आशंका के बीच आधुनिकता के ट्रैक आनलाइन शिक्षा पर फिर से की वापसी, जानिए वापसी
जिले में भी ओमिक्रोन व कोरोना वायरस के संक्रमण के मरीजों की पुष्टि होने और लगातार कोरोना के संक्रमितों की संख्या बढ़ने के बाद वापस आधुनिकता व आनलाइन के ट्रैक पर वापसी की जा रही है। ये वापसी जिले के शिक्षकों व विद्यार्थियों की ओर से हो रही है। अभी फिलहाल ठंड के चलते 16 जनवरी तक कक्षा एक से 10वीं तक के विद्यालयों को बंद रखा गया है। मगर जिस तरह से 11वीं व 12वीं के विद्यार्थियों को आनलाइन पढ़ाई कराने के निर्देश जारी किए गए हैं उससे आशंका हो रही है कि आनलाइन पढ़ाई के ट्रैक पर फिर से विद्यालय दौड़ेंगे। इसकी व्यवस्था भी सभी विद्यालयों में पहले से ही की जा चुकी है।
आनलाइन पढ़ाई के निर्देश
जिले के माध्यमिक विद्यालय भी अब आधुनिकता के ट्रैक पर दौड़ पड़े हैं। लाकडाउन के समय में नए सत्र की पढ़ाई विद्यार्थियों को आनलाइन माध्यम से कराई गई थी। माध्यमिक कालेजों में आनलाइन पढ़ाई शुरू कराने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि माध्यमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राएं आधुनिक संसाधनों से लैस नहीं होते मगर जिसके पास जैसी सुविधा है उसको उस स्तर से पढ़ाने का खाका तैयार किया गया है। जो विद्यार्थी आनलाइन कक्षाओं से जुड़ने में अक्षम हैं उनको कालेज खुलने पर अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर कोर्स पूरा कराया जाएगा।
डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि, विद्यार्थियों को तीन कैटेगरी में बांटा जा रहा है। कंप्यूटर व इंटरनेट की सुविधा वाले विद्यार्थी, मोबाइल पर वाट्सएप सुविधा वाले विद्यार्थी और तीसरे वो जिनके पास बटन वाले फोन हैं व इंटरनेट भी उपयोग नहीं कर सकते। प्रधानाचार्यों संग बैठक कर योजना बनाई जा रही है कि अगर कोई भी विषम परिस्थिति सामने आ खड़ी होती है तो उसमें विद्यार्थियों की पढ़ाई न अटके। छात्र-छात्राओं को आनलाइन माध्यम से पढ़ाने का काम किया जाए। टीआर इंटर कालेज, बाबूलाल जैन इंटर कालेज, डीएवी कालेज आदि कालेजों में गूगल क्लासरूम के जरिए कक्षाएं लगाने की व्यवस्थाएं पहले से ही हैं।
इनके अलावा जिन छात्र-छात्राओं की गूगल क्लासरूम से पढ़ाई नहीं हो रही उनको वाट्सएप ग्रुप से जोड़कर पढ़ाई कराने का काम किया जाएगा। हालांकि अभी 16 जनवरी से विद्यालयों को खोले जाने के आदेश हैं। विद्यालय निर्देशों के अनुसार ही खुलेंगे। शिक्षक व प्रधानाचार्य पाठ के साथ लेक्चर के वीडियो व होमवर्क भी विद्यार्थियों को आनलाइन ही उपलब्ध कराएंगे। जिले में 94 एडेड, 35 राजकीय व करीब 680 वित्तविहीन कालेज हैं। यहां के विद्यार्थियों को आनलाइन कक्षाएं मुहैया करानी हैं।
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