Breaking

Primary Ka Master Latest Updates | Education News | Employment News latter 👇

शनिवार, 8 जनवरी 2022

नकल के ठेकेदारों पर गिरेगी गाज, गलत सूचना देने वालों पर अब गोपनीय ढंग से की जाएगी निगरानी

 

नकल के ठेकेदारों पर गिरेगी गाज, गलत सूचना देने वालों पर अब गोपनीय ढंग से की जाएगी निगरानी

माध्यमिक शिक्षा विभाग अब गोपनीय ढंग से अपनी टीमों को लगाकर विद्यालयों का निरीक्षण कराने का काम करेगी। जिलास्तर पर शिक्षाधिकारियों ने नकल के ठेकेदारों पर नकेल कसने के लिए योजना बनाई है। करीब एक से डेढ़ महीने पहले यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर विद्यालयों की आधारभूत संरचना व सुविधाओं की जानकारी मांगी गई थी। सभी विद्यालय संचालकों ने जानकारी अपलोड की। 

इन केंद्रों का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट बोर्ड को भेजी गई। अब बोर्ड से प्रस्तावित केंद्रों की सूची जारी की जानी है। मगर विभिन्न माध्यमों से शिक्षाधिकारियों को ऐसी भी सूचना मिली है कि कुछ विद्यालयों के संचालकों ने फर्नीचर को किराए पर मंगाकर भौतिक सत्यापन के समय रख दिया था। अब इसकी पड़ताल गोपनीय ढंग से की जाएगी।

गुप्‍तचरों की पहचान गोपनीय रहेगी

माध्यमिक विभाग के गुप्तचर यानी टीमें विद्यालयों की सूचना जुटाने में लगाई जाएंगी। यूपी बोर्ड ने पहले ही सख्ती बरतते हुए बाहरी छात्रों के प्रवेश पर अफसरों की अनुमति लेने को अनिवार्य कर दिया है। अगर किसी विद्यालय में बाहरी छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया को नकल कराने के उद्देश्य से अपनाया जाएगा तो शिक्षा विभाग से ही लगाए गए गुप्तचर इसकी सूचना अधिकारियों को देंगे। गुप्तचरों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। माध्यमिक विद्यालयों में 10वीं व 12वीं में प्रवेश पाने वाले जनपद से बाहर के विद्यार्थियों का ब्योरा अफसरों के पास भेजना है।

 ये ब्योरा यूपी बोर्ड के पास भेजा जाएगा। मगर जिले के तमाम प्रधानाचार्य अपने यहां प्रवेशित बाहरी छात्रों का ब्याेरा उपलब्ध नहीं कराते हैं। पूर्व के वर्षों में भी बाेर्ड के पास ऐसे विद्यार्थियों की सूचना न पहुंचने से करीब 15 हजार परीक्षार्थियों का परिणाम बोर्ड ने रोक दिया था। मगर इस बार ऐसे छात्रों को परीक्षा में शामिल ही नहीं किए जाने की व्यवस्था भी की गई है। सूचना न देने वाले कालेजों पर मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई भी की जाएगी। इसी तरह विद्यालयों की ओर से दी गई सूचना सत्य है या असत्य या उसमें कोई खेल किया गया है इसकी रिपोर्ट भी गोपनीय ढंग से अफसरों तक पहुंचाई जाएगी।

इनका कहना है

डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि जिले या राज्य के बाहर के किसी भी छात्र को प्रवेश देने से पहले उनसे अनुमति लेना अनिवार्य है। साथ ही ऐसे जितने छात्रों को प्रवेश दिया गया है उनका डेटा भी उपलब्ध कराना है। नाम, पता, फोटो, आधार नंबर आदि डेटा सभी विद्यालयों से लिया जाएगा। जिन विद्यालयों के डेटा नहीं मिलेंगे उनके बाहरी छात्रों के आवेदन निरस्त कराकर उनके खिलाफ मान्यता प्रत्याहरण की संस्तुति कर दी जाएगी।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें