New Year 2022: स्कूली शिक्षा के सिलेबस में दिखेंगे बदलाव, एनसीईआरटी लेगा फैसला, पाठ्यक्रम भार होगा कम
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की तरफ से शैक्षणिक सत्र 2022-23 में छात्रों के लिए पाठ्यक्रम को कम करने का निर्णय लिया है। कोरोना महामारी के कारण लगातार स्कूल बंद रहने के कारण और कई छात्रों को ऑनलाइन संसाधनों की अनुपलब्धता को देखते हुए एनसीईआरटी ने यह निर्णय लिया है। कोविड-19 के कारण पिछले दो वर्षों में स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियां बाधित हुई हैं।
सरकारी व निजी स्कूलों के शिक्षकों द्वारा लगातार ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था के जरिए ही छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। अब मौजूदा हालातों को देखते हुए ही परिषद ने पाठ्यक्रम के भार को कम करने की योजना बनाई है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुसार, परिषद पहले से ही राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ) के हिस्से के रूप में पाठ्यक्रम में सुधार पर काम किया जा रहा है। एनसीएफ देश भर के निजी और सार्वजनिक स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम सामग्री के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करता है।
15 दिसंबर, 2021 को एनसीईआरटी के प्रभारी निदेशक श्रीधर श्रीवास्तव ने सभी विभाग प्रमुखों को पत्र लिखकर पाठ्यक्रम में कमी पर रिपोर्ट तैयार करने को कहा था। वहीं, वर्ष 2021 में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने छात्रों के पाठ्यक्रमों को कम करते हुए 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को दो टर्म में बांट दिया है। अब उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही एनसीईआरटी की तरफ से पाठ्यक्रम के भार को कम करते हुए इसकी घोषणा की जाएगी।
दूरदराज इलाकों के छात्रों को भी मिलेगा शिक्षण
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्वयं प्रभा के 12 टीवी चैनलों के माध्यम से देश के दूरदराज इलाकों के पहली कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। पहली से दसवीं कक्षा के छात्रों के लिए दो घंटे की कक्षाओं का टीवी चैनल के जरिए प्रसारण किया जाएगा। साथ में 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए तीन घंटे की कक्षा का प्रसारण होगा। जिसके जरिए इन छात्रों की शैक्षणिक गतिविधि में किसी भी प्रकार की बाधा न आ सके।
#NEP2020inAction: To ensure that education reaches the remotest corners of the country as envisioned by #NEP2020, 12 TV channels of SWAYAM PRABHA are earmarked for classes 1-12 as one TV channel for one class. (30/62) #AmritMahotsav pic.twitter.com/Zhvr3dIllf
— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) December 30, 2021
शिक्षक हैं तैयार, एनसीईआरटी जल्द ले फैसला
पीतमपुरा जेड पी ब्लॉक स्थित सर्वोदय को-एड सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य अनिल यादव ने बताया कि वर्ष 2021 में सीबीएसई ने छात्रों के पाठ्यक्रमों को 15 से 20 फीसदी तक कम कर दिया था। हालांकि, इससे ज्यादा फर्क देखने को नहीं मिला क्योंकि ज्यादातर दिनों में स्कूल बंद ही रहे। सिर्फ ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था के जरिए ही छात्रों की पढ़ाई हो पाई है। हमें उम्मीद है कि एनसीईआरटी जल्द ही सभी कक्षाओं के पाठ्यक्रम को कम करने का फैसला ले।
ऑनलाइन शिक्षण के लिए मोबाइल की है जरूरत
प्रधानाचार्य अनिल यादव ने बताया कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक सुबह 8 से दोपहर 2 बजे के दौरान छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं लेते हैं। लेकिन कई ऐसे छात्र हैं जिनके अभिभावक काम पर चले जाते हैं और उन छात्रों के पास मोबाइल फोन नहीं होते हैं। इसलिए शिक्षक सुबह 6 बजे और शाम को रात को 8 बजे के दौरान भी छात्रों की कक्षाएं ले रहे हैं। औसत छात्रों पर भी शिक्षक लगातार ध्यान देते हुए उनके पाठ्यक्रमों को पूरा करने का काम कर रहे हैं। छात्रों को मोबाइल फोन की जरूरत है। ऐसे में कॉर्पोरेट की सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के माध्यम से इन छात्रों को मोबाइल फोन की व्यवस्था कराई जानी चाहिए।
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