RRB NTPC Protest: ठंड में ठिठुरते हुए छात्रों ने सड़क पर गुजारी रात, बबर्रता के तीसरे दिन भी सहमे हैं छात्र
प्रयागराज के बघाड़ा इलाके में मंगलवार शाम प्रतियोगी छात्रों के प्रदर्शन के बाद पुलिस ने लॉज के कमरों में घुसकर क्रूरता से पीटा था। पुलिस की इस कार्रवाई का डर छात्रों पर तीन दिन बाद भी बना हुआ है। लॉजों के ज्यादातर कमरों में ताला लटका हुआ है। दूर-दराज के इक्का-दुक्का छात्र ही कमरों में अंदर से ताला बंद कर डर-सहमे, दुबके हुए हैं। पुलिस ने जिस क्रूरता से कमरों से छात्रों को बाहर घसीटकर पीटा था, उस मंजर को याद कर छात्रों की रूह कांप जाती है।
छोटा बघाड़ा मिश्रा लॉज में रहने वाले बिहार के विनीत यादव ने बताया कि टीजीटी-पीजीटी की तैयारी करते हैं। मंगलवार शाम वह कमरे में थे। अचानक बाहर शोरगुल मचा। वह डर गए। लगभग आठ-दस पुलिस वाले आए और कमरे का दरवाजा लाठी और बूटों से पीटकर तोड़ने लगे। खिड़कियों के कांच तोड़ दिए गए। कुछ कमरों का दरवाजा तोड़ दिया गया और छात्रों को बर्बर तरीके से पीटा गया। चीख पुकार सुनकर तख्त को दरवाजे से सटाकर चुपचाप नीचे छिपे रहे।
आधे घंटे सन्नाटा पसरा रहने के बाद साथियों से फोन पर पता किया और चुपचाप सहपाठी के साथ माघ मेला क्षेत्र में निकल गए। रात भर मेले में घूमते रहे। सुबह भी वह कमरे पर आने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। शाम को जब साथियों से पता चला कि एसएसपी आए थे और उन्होंने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की है और आश्वासन दिया है कि किसी छात्र को परेशान नहीं किया जाएगा। तब वह कमरे पर आए।
इसी लॉज में एसएससी की तैयारी करने वाले जौनपुर निवासी राजेश ने बताया कि जो छात्र प्रदर्शन में शामिल थे। वह तो पहले भाग चुके थे। कमरे में तो वहीं छात्र थे, जिनका आंदोलन से कोई लेना देना नहीं था। लेकिन पुलिस ने बेगुनाह छात्रों को पीटा। लॉज में कई छात्र इंटर की पढ़ाई करने वाले हैं। पुलिस ने उनको भी नहीं बख्शा है। बिहार के कैमूर जिले के विनोद कुमार ने छात्र अपनी बात जिम्मेदार अफसरों तक पहुंचाने के लिए सांकेतिक प्रदर्शन कर रहे थे।
आखिर छात्र अपनी बात किस तरह जिम्मेदार अफसरों तक पहुंचाएं। हम यहां पढ़ने के लिए आए हैं। उपद्रव करने नहीं आए हैं। लेकिन पुलिस ने छात्रों के साथ उपद्रवियों सा सलूक किया। उन्होंने बताया कि जो छात्र आसपास के जिलों के रहने वाले हैं। वह घर चले गए हैं। जो दूरदराज के हैं, वही छात्र रुके हुए हैं।
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