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रविवार, 27 फ़रवरी 2022

बेटियों की शिक्षा का खुला द्वार, आर्थिक रूप से कमजोर माता-पिता के लिए कन्या सुमंगला योजना लाभकारी



 बेटियों की शिक्षा का खुला द्वार, आर्थिक रूप से कमजोर माता-पिता के लिए कन्या सुमंगला योजना लाभकारी

प्रदेश की सरकार बनाने में पूर्वांचल के मतदाता की अहम भूमिका है। अब नामांकन वापसी व चुनाव चिह्न आवंटन के बाद विधानसभा चुनाव का रंग चढ़ चुका है। सियासी दल एक-दूसरे को मात देने में जाति-धर्म का का कार्ड खेल रहे हैैं तो मतदाता भी खामोश होकर अपनी भूमिका तय कर चुका है। वह आकलन कर चुका है कि पांच साल पहले सरकारी योजनाओं की क्या स्थिति थी और उसका लाभ किन लोगों तक पहुंचा। वर्तमान सरकार की पीएम आवास योजना, पीएम स्वनिधि योजना, किसान सम्मान योजना का वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचा वैसे ही 2019 से लागू कन्या सुमंगला योजना बेटियों के लिए किसी संजीवनी से कम साबित नहीं हुई। प्रदेश की हजारों बेटियां इसका लाभ उठाकर उच्च शिक्षा के मार्ग को प्रशस्त कर रही हैं। इससे बालिकाओं की शिक्षा में विस्तार हुआ और पढ़ाई बीच में ही छोडऩे वालों की संख्या भी कम हुई। 

बेटियों के मां-बाप को मिला सरकार का साथ :

गरीब माता-पिता के लिए बेटी का जन्म लेना खुशी का मौका नहीं होता था। अवैध रूप से कन्या भ्रूण हत्या की वजह से लिंगानुपात काफी कम हो गया था। ऐसे में प्रदेश सरकार ने कन्याओं के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने, प्रदेश में समान लिंग अनुपात को मजबूती देने और बालिकाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा का ध्यान रखने के लिए 2019 में कन्या सुमंगला योजना का शुभारंभ किया था। योजना के तहत तीन लाख या इससे कम सालाना आय वाले परिवार में बेटी के जन्म लेने पर दो हजार रुपये, एक वर्ष का टीकाकरण पूर्ण होने पर एक हजार रुपये, कक्षा एक में प्रवेश के समय दो हजार रुपये, कक्षा छह में प्रवेश के समय दो हजार रुपये, कक्षा नौ में प्रवेश के समय तीन हजार रुपये और 10वीं व 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद डिग्री या दो वर्ष से अधिक के डिप्लोमा कोर्स के प्रवेश लेने पर पांच हजार रुपये एकमुश्त प्रदान किए जा रहे हैं।

जनपद, कुल आवेदन, लाभार्थी

वाराणसी 83445 33460

मऊ 40355 17876

जौनपुर 21000 20814

मिर्जापुर 17938 1543

गाजीपुर 7526 5185

चंदौली 17000 11000

भदोही 13438 11836

आजमगढ़ 601631 18857

सोनभद्र 19428 14696

बलिया 71760 17589

पढ़ाई जारी रखने में मिली सहूलियत

मऊ के मुहम्मदाबाद गोहना विधानसभा के जमीन बरामदपुर निवासी सोनी चौहान कन्या सुमंगला योजना की जी भरकर सराहना करती हैैं। सोनी के अनुसार प्रदेश सरकार की यह योजना पढऩे वाली लड़कियों के लिए उम्मीद की रोशनी है। मैैंने कक्षा नौ में प्रवेश के बाद योजना के लिए आनलाइन आवेदन किया था। मार्च 2020 में तीन हजार रुपये खाते में आ गए। इस पैसे से फीस भरने में मदद मिली। अभी मैैं 11वीं में पढ़ रही हूं। आगे भी योजना का लाभ मिलता रहेगा। उम्मीद है पढ़ाई पूरी करने के बाद मैैं कोई नौकरी कर अपने पैरों पर खड़ी हो सकूंगी। अब तो मेरी एक दोस्त भी इस योजना के आवेदन कर रही हैं।

वरदान बनी कन्या सुमंगला योजना

आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से आजमगढ़ के गोपालपुर विधानसभा निवासी रामसिंगार चौहान की पत्नी बेबी ने दूसरी बेटी गुडिय़ा को जन्म दिया तो परिवार उसके लालन-पालन से लेकर पढ़ाई-लिखाई की चिंता में डूब गया। 25 अक्टूबर 2019 को प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना लागू की तो परिवार की खुशी का पारावार न रहा। सारे आवश्यक कागजात लेकर जनसेवा केंद्र के माध्यम से योजना की तृतीय श्रेणी के तहत अनलाइन आवेदन किया। जनवरी माह में बेबी के खाते में प्रदेश सरकार ने दो हजार रुपये प्रेषित किया है। बेबी इस योजना को वरदान बताती है। अब उसे अगली किस्त का इंतजार है।

फीस को नहीं था पैसा, अब चिंता नहीं

जौनपुर के मछलीशहर विधानसभा के रज्जूपुर की रहने वाले अंजन कुमार आर्थिक तंगी की वजह से बेटी की पढ़ाई शुरू कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। उन्होंने कक्षा एक में बेटी का दाखिला कराया तो खाते में शासन की ओर से दो हजार रुपये आ गए। मुश्किल काफी हद तक आसान हो गई। उनका कहना है कि यह योजना बेटियों को शिक्षित करने व लिंगानुपात बढ़ाने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। इससे बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाने में मदद मिलेगी। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के लिए यह मदद बहुत बड़ी है। पात्रता सूची को जात-पात के बंधन से मुक्त रखने के कारण भी बड़ी संख्या में जरूरतमंदों को लाभ मिला है।

उच्च शिक्षा के साथ विवाह की चिंता भी दूर

बलिया के बैरिया विधानसभा क्षेत्र के धतुरी टोला गांव निवासी विकास कुमार सिंह कहते हैं कि तीन साल पहले पुत्री का कन्या सुमंगला योजना के तहत डाकघर में खाता खुलवाया था। सरकार की ओर से मिल रहे रुपये बेटी के भविष्य के लिए जमा कर रहा हूं। बेटियों को बचाने व पढ़ाने को लेकर जो संजीदगी अभी दिखाई जा रही है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। यह योजना बेटियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी। उनकी उच्च शिक्षा के साथ विवाह की चिंता भी कुछ हद तक दूर हो गई है। कन्या सुमंगला योजना वास्तव में बेटियों के लिए मंगलकारी है।

बदल गई जिंदगी

शासन की यह योजना लिंगानुपात बढ़ाने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। इससे बेटियों को शिक्षित करने में काफी मदद मिलेगी। मेरी बेटी के कक्षा एक में प्रवेश के बाद खाते में दो हजार रुपये आए। यह मदद उन परिवारों के लिए बड़ा सहारा है, जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। इस पहल की जितनी भी सराहना की जाए, कम है।-बबिता विश्वकर्मा, सरायबीरू, केराकत विधानसभा, जौनपुर

उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए ग्रेजुएशन में प्रवेश लिया। कन्या सुमंगला योजना के तहत पांच हजार की आर्थिक सहायता मिली है। सरकार की इस योजना की जितनी सराहना हो कम है। सरकार से मिली आर्थिक मदद की वजह से ही ग्रेजुएशन कर पा रही हूं।-तिया कसेरा, दुर्गा देवी मोहल्ला, सदर विधानसभा, मीरजापुर

उसने इंटरमीडिएट करने के बाद उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए स्नातक कक्षा में प्रवेश लिया। मुझे कन्या सुमंगला योजना के तहत पांच हजार की आर्थिक सहायता सरकार मिली है। सरकार द्वारा चलाई जा रही यह कन्या सुमंगला योजना बहुत अच्छी है। इससे हम जैसी बेटियों को काफी सहायता मिल रही है और माता-पिता पर आर्थिक दबाव भी कम पड़ रहा है।-आरती कुमारी, मुहम्मदाबाद विधानसभा, गाजीपुर

मैैं बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा हूं। इंटरमीडिएट की शिक्षा पूरी करने के बाद योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया। पांच हजार की धनराशि मिली है। इससे पुस्तक, कापी के साथ ही फीस जमा किया। आर्थिक सहायता मिलने से शिक्षा की राह आसान हुई है।-श्रेया कुमारी, विधानसभा चकिया, चकिया, चंदौली

मैैंने कक्षा नौ में दाखिला लिया है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय में शिक्षण के दौरान कन्या सुमंगला योजना के तहत दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिली है। इससे शिक्षण सामग्री हासिल करने में मदद मिली। सरकार की यह योजना छात्राओं के लिए बेहद लाभकारी है।-खुशी सिंह, निवासी ऊंज विधानसभा, भदोही

बीएससी अंतिम वर्ष में प्रवेश करने के बाद योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया। इस पैसे से फीस जमा किया। पढ़ाई जारी रखने में सरकार की इस मदद से काफी आसानी हुई। अभिभावकों पर बेटियों की पढ़ाई का बोझ भी कम हुआ है।-बबीता सरोज, भगवानपुर टंडवा, सदर विधानसभा, आजमगढ़

योजना का लाभ मिलने से पढ़ाई सुगम हुई है। स्वजनों को अब हम लोगों की शिक्षा के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं। प्रदेश सरकार की यह योजना बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने वाला है।- सरगम गर्ग, सोनभद्र

कन्या सुमंगला योजना की धनराशि से आगे पढऩे का मौका मिल रहा है। इस तरह की योजना से लड़कियों का उत्साहवर्धन होता है और आगे की पढ़ाई का मार्ग प्रशस्त हो जाता है।-प्रिंसी यादव, लंका, कैंट विधानसभा, वाराणसी

कन्या सुमंगला योजना ने बेटियों के हजारों माता-पिता की भविष्य की चिंताओं को कम करने में मदद की है। लड़कियां इस मदद से अपनी पढ़ाई पूरी कर आत्मनिर्भर हो सकेंगी। सबसे बड़ी बात, योजना का पैसा खाते में खुद आ जाता है। योजना के पैसों के लिए किसी के पीछे दौडऩे की जरूरत नहीं होती।-निकिता, घोसी विधानसभा, मऊ


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