मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना : मंडल स्तर पर चलने वाली मुफ्त कोचिंग में सभी जिलों के पढ़ रहे प्रतियोगी विद्यार्थी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव चुनाव में रोजगार भी अहम मुद्दा है। सूबे में भर्तियों को पारदर्शी बनाने के तहत चयन प्रक्रिया में बड़े बदलाव किए गए। लगभग सभी तरह के चयन में लिखित परीक्षा का प्रविधान हुआ साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग शुरू की गई।
उत्तर प्रदेश में कोरोना के विकट दौर में सुदूर गए कामगारों की बड़ी संख्या में घर वापसी हुई, उनका जीवन बचाने और जीविका बरकरार रखने के लिए योगी सरकार ने इंतजाम भी किए, उसी बीच घर से दूर रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को वापस लाने की सरकार ने पहल की। उस समय हजारों छात्र-छात्राएं राजस्थान के कोटा और प्रयागराज में रह रहे थे। अभियान चलाकर करीब 30 हजार से अधिक प्रतियोगियों को बसों से वापस मंगाया गया था। अब सभी मंडल मुख्यालयों पर लगभग हर जिले के छात्र-छात्राएं अभ्युदय कोचिंग में पंजीकृत हैं।
असल में, कोरोना के घटनाक्रम ने सरकार को नई राह भी दिखाई। उसी समय तय हुआ कि प्रतियोगियों को तैयारी के लिए घर से अधिक दूर न रहना पड़े इसलिए मंडल मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना शुरू की गई। इसके तहत मंडल मुख्यालय पर कोचिंग कक्षाओं का संचालन हुआ, ताकि युवाओं को दूरदराज के क्षेत्रों या दूसरे प्रदेश में जाकर पढ़ाई न करना पड़े। मंडल स्तर पर शुरू की गई मुफ्त कोचिंग कक्षाओं में उपस्थित होकर और आनलाइन पढ़ाई करने का भी इंतजाम किया गया। इस योजना के तहत प्रविधान किया गया कि आवेदन करने वालों को यूपी का मूल निवासी होना जरूरी है। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब परिवारों के युवाओं को इसमें पात्र हैं।
सरकार ने समाज के सभी वर्गों के छात्र-छात्राओं को समान रूप से आवेदन करने का अवसर दिया। इसके लिए आनलाइन पंजीकरण की भी सुविधा है। अब अफसरों की निगरानी में कोचिंग कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। अधिकारी खुद प्रतियोगियों को परीक्षा की तैयारी करा रहे हैं। जिसमें सिविल सर्विसेज, नीट (नेशनल इलिजिबिलिटी कम इंट्रेस टेस्ट), जेईई (ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन), एनडीए/सीडीएस (नेशनल डिफेंस एकेडमी/कंबाइंड डिफेंस सर्विसेस) जैसी परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है। सिविल सर्विसेज के लिए करीब 26216 प्रतियोगी सहित अन्य परीक्षाओं में कुल 36888 प्रतियोगी पंजीकृत हैं। इसके अलावा यू-ट्यूब के माध्यम से आनलाइन तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या करीब तीस लाख है।
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