Hindu Study: इस यूनिवर्सिटी में होगी पुनर्जन्म और मोक्ष की होगी पढ़ाई, जानें कैसा होगा सिलेबस
Hindu Study: हाल ही में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), वाराणसी ने हिंदू स्टडिज में एक नया एमए (MA) कोर्स शुरू किया है. बीएचयू के कुलपति विजय कुमार शुक्ला ने पाठ्यक्रम का उद्घाटन किया और कहा कि यह एक विषय कार्यक्रम है जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 (National Education Policy) के अनुरूप बनाया गया है. इसी क्रम में वाराणसी स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (Sampurnanand Sanskrit University) ने रोजगारपरक कई पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है. बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के कुलपति विजय कुमार शुक्ला ने बताया था कि यूनिवर्सिटी में 40 सीटों के साथ दो साल का हिंदू धर्म कोर्स शुरू कर रहा है.
कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल को स्मरण पत्र लिखा है. कुलपति की ओर से राजभवन भेजे गए पत्र में कहा गया कि एमए (Hindu Study) कोर्स की अब तक स्वीकृति न मिलने के कारण दाखिले की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है. कुलपति ने कुलाधिपति से कोर्स संचालित करने के लिए अनुमति देने का अनुरोध किया है ताकि विश्वविद्यालय में एमए नामक काेर्स शुरू किया जा सके.
इन विषयों की होगी पढ़ाई
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर के हिंदू अध्ययन पाठ्यक्रम चार सेमेस्टर में होगा. इसमें हिंदू धर्म के वैशिष्टय व परंपरा पर आधारित भारतीय दर्शन, शास्त्र, वेद-पुराण, रामायण, महाभारत, भाषा विज्ञान, सैन्य विज्ञान साहित अन्य पाठ्य सामग्री शामिल किया गया है.
ऐसा होगा सिलेबस
सेमेस्टर |
विषय |
प्रथम सेमेस्टर |
संस्कृत परिचय, प्रमाण-सिद्धांत, वादपरम्परा तथा उनकी परम्पराएं व तत्वविमर्श |
द्वितीय सेमेस्टर |
विमर्श की पाश्चात्य प्रविधि, धर्म एवं कर्म विमर्श, वैदिक परम्परा के सिद्धांत, जैन परम्परा के सिद्धांत या बौद्ध परम्परा के सिद्धांत वैकल्पिक विषय : वेदांग-शिक्षा, व्याकरण, निरुक्त, संकल्प, ज्योतिष, पाली, साहित्य, प्राकृत व साहित्य |
तृतीय सेमेस्टर |
पुनर्जन्म बंधन, मोक्षविमर्श, रामायण, वैकल्पिक – (लोकवार्ता, भारतीय नीति शास्त्र, नाट्यम, तुलनात्मक धर्म) |
चतुर्थ सेमेस्टर |
महाभारत वैकल्पिक : पुराण परिचय, भारतीय स्थापत्य, पाणिनीय एवं पाश्चात्य भाषा विज्ञान, साहित्य सिद्धांत, भारती |
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