Breaking

Primary Ka Master Latest Updates | Education News | Employment News latter 👇

मंगलवार, 22 फ़रवरी 2022

RTI Act के अधीन आएंगे मदरसे, गुरुकुल, वैदिक स्कूल? PIL पर हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को भेजा नोटिस


 

RTI Act के अधीन आएंगे मदरसे, गुरुकुल, वैदिक स्कूल? PIL पर हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को भेजा नोटिस

Latest news in hindi: मदरसे, वैदिक पाठशालाओं और गुरुकुल जैसे सभी शिक्षण संस्थान जो धार्मिक शिक्षा (Religious Educational Institutions) देते हैं, उन्हें भी शिक्षा का अधिकार अधिनियम यानी आरटीआई एक्ट 2009 (RTI Act 2009) के अधीन लाने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में याचिका लगाई गई है. इस याचिका के आधार पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. नोटिस भेजकर हाईकोर्ट ने भारत सरकार और दिल्ली सरकार से इस मामले पर उनका उत्तर मांगा है.

यह याचिका भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी. याचिका में कई अलग-अलग मांग की गई है. जिनमें से एक है कि ‘गुरुकुल (Gurukul) और वैदिक स्कूलों (Vaidik Schools) को मदरसा (Madrasa) और मिशनरी स्कूलों (Missionary Schools) के समान मान्यता दी जाए.’

आरटीआई के दायरे में लाने की मांग

 

याचिका में और क्या कहा गया है

याचिका में कहा गया है कि ‘शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 (RTE) की धाराएं एक (4) और एक (5) संविधान की व्याख्या करने में सबसे बड़ी बाधा हैं. मातृभाषा में समान पाठ्यक्रम का नहीं होना अज्ञानता को बढ़ावा देता है.’इसके अलावा समान शिक्षा प्रणाली (Uniform Education System) लागू करने की मांग की गई है. इस संबंध में याचिका में कहा गया है कि ‘समान शिक्षा प्रणाली लागू करना संघ का कर्तव्य है, लेकिन वह इस अनिवार्य दायित्व को पूरा करने में विफल रहा है. उसने 2005 के पहले से मौजूद राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे यानी एनसीएफ (NCF – National Curriculum Framework) को अपना लिया है.

30 मार्च को होगी अगली सुनवाई

इस जनहित याचिका (PIL) पर दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस डीएल पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च 2022 को होगी.गौरतलब है कि याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में यह जनहित याचिका लगाई थी. लेकिन शीर्ष अदालत ने इस मामले पर सुनवाई या कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था. साथ ही इस मुद्दे को हाईकोर्ट लेकर जाने की सलाह दी थी. 

शिक्षा समाचार से अपडेट रहने के लिए ज्वाइन करें हमारा टेलीग्राम चैनल

Join FREE Telegram Channel

वॉट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें

Join GovJobsUP WhatsApp Group

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें