आंगनबाड़ी वर्कर जानेंगी कि बच्चों को विषय से कैसे जोड़ें, नई शिक्षा नीति में प्री प्राइमरी शिक्षा पर है जोर
नई शिक्षा नीति के तहत प्री प्राइमरी शिक्षा के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाना है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि इसीसीई अर्थात अर्लियर चाइल्ड केयर एजुकेशन की तृतीय कार्यशाला का आयोजन अनिवार्य रूप से किया जाना है। यह कार्यशाला 20 मार्च से 27 मार्च तक होगी। पूर्व में इसका आयोजन चार मार्च को होना था।
समन्वयक प्रशिक्षण बोले- आंगनबाड़ी कार्यकत्री प्रशिक्षित होंगी
समन्वयक प्रशिक्षण डा. विनोद मिश्र ने बताया कि इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों को बताया जाएगा कि वह किस तरह से बच्चों को विषय से खेल खेल में जोड़ें। पूर्व में दिए गए प्रशिक्षण का फीडबैक भी लिया जाएगा। आनलाइन होने वाले इस आयोजन में जूम एप के जरिए सभी को जोड़ा जाएगा। कार्यशाला से पहले 11 मार्च को जूम लिंक के जरिए अभिमुखीकरण होगा। इसमें जिला समन्वयक प्रशिक्षण, नोडल एसआरजी, खंड शिक्षाधिकारी भी शामिल होंगे। डा. विनोद मिश्र ने बताया कि अभी सभी विकास खंडों में अलग अलग कार्यशाला भी हो रही है। इसमें खंड शिक्षाधिकारी, सीडीपीओ, आंगनबाड़ी वर्कर के साथ प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक भी शामिल हो रहे हैं।
अंक ज्ञान और भाषा ज्ञान पर जोर
समन्वयक प्रशिक्षण डा. विनोद मिश्र ने बताया कि आंगनबाड़ी वर्कर को इस बात के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित किया जा रह है कि वह बच्चों को खेल खेल में पढ़ाई से जोड़ें। प्रत्येक बच्चे को अंक ज्ञान के साथ भाषा ज्ञान भी कराया जाए। इसके लिए उन्हें पुस्तक में बांधने से भी बचना होगा। यह प्रशिक्षण नई शिक्षा नीति के तहत दिया जा रहा है। शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव की ओर यह कदम है।
प्री बोर्ड और वार्षिक परीक्षाएं शुरू
कोरोना की लहर शांत होने के बाद अब परीक्षाओं का दौर शुरू हो चुका है। 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए प्री बोर्ड परीक्षाएं कुछ विद्यालयों में हो रही हैं जबकि कई विद्यालयों में प्री बोर्ड परीक्षा हो चुकी है। यह परीक्षाएं आफलाइन मोड में कराई गईं। स्कूलों में अन्य कक्षा के विद्यार्थियों के लिए वार्षिक परीक्षाओं का भी दौर शुरू हो चुका है। जीजीआइसी कटरा और जीजीआइसी सिविल लाइंस में परीक्षाएं चल रही हैं। परीक्षा 22 मार्च तक चलेंगी। इसी क्रम में विद्याभारती के स्कूलों में भी वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। हालांकि आफलाइन परीक्षा से तमाम विद्यार्थी परेशान हैं। उनका कहना है कि आनलाइन पढ़ाई हुई है तो परीक्षा भी आनलाइन कराई जानी चाहिए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें