पाठ्यक्रम संग हर रोज पढ़ रहे कोविड प्रोटोकाल का पाठ
कोविड की तीसरी लहर के बाद खुले स्कूलों में चहल-पहल तो बढ़ गई है, लेकिन बच्चों को हर कदम पर कोविड प्रोटोकाल का पालन कराया जा रहा है। यहां तक की पाठ्यक्रम के साथ बच्चों को हर दिन कोविड प्रोटोकॉल का पाठ भी पढ़ाया जा रहा है।
रानी रेवती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडेय ने बताया कि भले संक्रमण थमने के बाद स्कूल खुल गए हैं। लेकिन कोविड प्रोटोकाल का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। यहां तक कि परीक्षा भी कोविड प्रोटोकाल के तहत हुईं। अब यूपी बोर्ड परीक्षा भी कोविड प्रोटोकाल के तहत ही संपन्न होगी। सेंट पीटर्स एकेडमी के प्रधानाचार्य का कहना है कि बच्चों को हर दिन पढ़ाई के साथ कोविड प्रोटोकाल का पाठ पढ़ाया जाता है।
ताकि बच्चे जागरूक रहें। एसएमपीएस के शिक्षक ज्ञान कुमार ने बताया कि छोटी कक्षाओं के तमाम बच्चे पहली बार स्कूल आ रहे हैं। ऐसे में उन्हें पहले स्कूल के तौर-तरीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके बाद पाठ्यक्रम की पढ़ाई शुरू होगी। वहीं कोविड के बाद तमाम बच्चों का पढ़ाई से दूरी बन गई थी। कक्षा में बैठकर पढ़ाई का अभ्यास छूट गया है।
पतंजलि ऋषिकुल के प्रधानाचार्य नित्यानंद सिंह ने बताया कि ऐसे में बच्चों को पहले पढ़ाई के लिए मानसिक तौर तैयार किया जा रहा है। इसके बाद पढ़ाई पर फोकस होगा। सलोरी के रहने वाले रोहित त्रिपाठी का कहना है कि उनका बेटा 11वीं का विद्यार्थी है। इस बार स्कूल भेज रहे हैं, लेकिन अभी भी डर लगता है। स्कूल प्रशासन ने कोविड प्रोटोकॉल के शत प्रतिशत पालन कराने का आश्वासन दिया है, तब बच्चे को स्कूल भेज रहे हैं।
खेल-खेल में शिक्षण पर जोर
बीबीएस इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य रजनी शर्मा ने बताया कि कोरोना काल में बच्चों पढ़ाई से कुछ दूरी बन गई थी। ऐसे में बच्चों को स्कूल आने पर तनाव न महसूस हो, इसके लिए मनोरंजक ढंग से शिक्षण पर जोर दिया जा रहा है। नई शिक्षा नीति में भी इस बात पर जोर दिया गया है।
एक बेंच पर एक विद्यार्थी
स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल के तहत एक बेंच पर एक बच्चे को बैठाया जा रहा है। स्कूल में परीक्षाएं चल रही हैं। परीक्षा से पहले रोज प्रार्थना के दौरान बच्चों को कोविड से बचाने की जानकारी दी जाती है और इसके बाद बच्चे मास्क लगाकर परीक्षा में शामिल होते हैं।
वैक्सीनेशन पर है जोर
सेंट जोसेफ कॉलेज के प्रधानाचार्य फादर थामस कुमार ने बताया कि बच्चों और शिक्षकों के वैक्सीनेशन के लिए स्कूल में चार बार कैंप लगाया जा चुका है। इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि जिन बच्चों की आयु हो गई, उन्हें कोविड वैक्सीन जरूर लगवाई जाए। शिक्षकों और कर्मचारियों का शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन कराया जा चुका है। अधिकतर स्कूलोें में कोविड वैक्सीनेशन कैंप लगवाकर बच्चों, शिक्षकों, कर्मचारियों और अभिभावकों के वैक्सीनेशन के लिए अभियान भी चलाया गया।
कोविड के बाद विद्यालयों में दिखे बदलाव
- विद्यार्थियों में लर्निंग गैप को पूरा करने की पहल
- कक्षा में देर तक बैठकर मानसिक रूप से पढ़ाई के लिए तैयार करने का प्रयास
- विद्यालय में बच्चों पर पढ़ाई का दबाव कम करने के लिए कार्यशाला
- बच्चों के साथ अभिभावकों को कोविड से बचाव के लिए जागरूक करने के प्रयास
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