CUET 2022 : क्या है सीयूईटी? 12वीं के बाद मनचाहे कॉलेज व कोर्स में कैसे मिलेगा एडमिशन? जानें हर सवाल का जवाब
CUET 2022 : इस साल से केंद्रीय विश्वविद्यालयों के स्नातक (यूजी) कोर्सेज में दाखिला कटऑफ के आधार पर नहीं होगा। अब एंट्रेंस एग्जाम होगा- सीयूईटी। देश के 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों व इससे संबंद्ध कॉलेजों को आगामी सत्र से स्नातक कोर्सेज में केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के अंकों के आधार पर ही दाखिला देना होगा। कोई भी केंद्रीय विश्वविद्यालय 12वीं बोर्ड परीक्षा के अंकों के आधार पर छात्रों को वेटेज नहीं देगा। इससे आसमान छूती कटऑफ से छात्रों को राहत मिलेगी। सीयूईटी को लेकर 12वीं के छात्रों के बीच खलबली का माहौल है। कई बातों को लेकर वह कंफ्यूज हैं। सीयूईटी में कितने पेपर देंगे होंगे? ये परीक्षा कौन कराएगा? फॉर्म कहां भरना होगा? एग्जाम का सिलेबस क्या होगा? सीयूईटी के बाद मनचाहे कॉलेज व कोर्स में कैसे एडमिशऩ मिलेगा? इस तरह के तमाम सवाल छात्रों के जहन में हैं।
यहां जानें तमाम प्रश्नों के जवाब-
प्रश्न - कौन कराएगा सीयूईटी परीक्षा? कहां और कब से भर सकेंगे फॉर्म?
उत्तर- यह परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) कराएगी। अप्रैल से पहले सप्ताह से
nta.ac.in पर जाकर विद्यार्थी इसके लिए आवेदन कर सकेंगे।
प्रश्न - क्या होगी योग्यता? कौन कर सकेगा आवेदन?
उत्तर- 12वीं पास छात्र इसके लिए आवेदन कर सकेंगे। ये देकर उन्हें केंद्रीय विश्वविद्यालयों
व इससे संबंद्ध कॉलेजों के यूजी कोर्सेज में दाखिला मिलेगा।
प्रश्न - कब होगा सीयूईटी?
उत्तर- यूजीसी ने कहा है कि जुलाई के पहले सप्ताह में प्रवेश परीक्षा का आयोजन हो सकता
है।
प्रश्न - क्या सीयूईटी के बाद कॉमन काउंसलिंग होगी?
उत्तर- सीयूईटी के बाद कॉमन काउंसलिंग का आयोजन नहीं होगा। सीयूईटी स्कोर के आधार
हर यूनिवर्सिटी अपनी मेरिट लिस्ट निकालेगी।
प्रश्न - सिलेबस क्या होगा?
उत्तर- सीयूईटी का पाठ्यक्रम एनसीईआरटी के कक्षा 12वीं के मॉडल के मुताबिक होगा।
एनसीईआरटी के 12वीं कक्षा के सिलेबस से मिलता-जुलता ही होगा। एग्जाम कंप्यूटर बेस्ड हो
सकता है। अप्रैल पहले सप्ताह में विस्तृत नोटिफिकेशन में यह साफ हो जाएगा।
प्रश्न - एग्जाम का पैटर्न क्या होगा?
उत्तर- सीयूईटी में सेक्शन-1ए, सेक्शन-1बी, समान्य परीक्षा और पाठ्यक्रम-विशिष्ट विषय
होंगे। सेक्शन-1ए अनिवार्य होगा, जो कि 13 भाषाओं में होगा और उम्मीदवार इनमें से अपनी
पसंद की भाषा का चयन कर सकते हैं। छात्रों के पास अंग्रेजी, हिंदी के अलावा क्षेत्रीय भाषाएं -
असमी, बांग्ला, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू
का विकल्प रहेगा।
एग्जाम में तीन सेक्शन होंगे - सेक्शन ए (लेंग्वेज टेस्ट), सेक्शन बी (डोमेन स्पेसिफिक टेस्ट
यानी विषय विशेष टेस्ट) और सेक्शन सी जो कि ऑप्शनल होगा, यह वोकेश्नल/ खुली
पात्रता/क्रॉस स्ट्रीम टेस्ट के लिए एक जनरल टेस्ट होगा।
सेक्शन ए (लेंग्वेज टेस्ट) - ऊपर बताई गई 13 भाषाओं में से किसी भाषा के पेपर में बैठना अनिवार्य होगा। सेक्शन बी (डोमेन स्पेसिफिक सब्जेक्ट यानी विषय से संबंधित पेपर) - 27 विषयों में से किन्हीं छह का चुनाव करना होगा जो वह यूजी स्तर पर पढ़ना चाहते हैं। इनमें मैथ्स, हिस्ट्री, अकाउंटेंसी, इको, कंप्यूटर साइंस आदि आ सकते हैं।
सेक्शन सी (वोकेश्नल / खुली पात्रता / क्रॉस स्ट्रीम टेस्ट ) - यह ऑप्शन सेक्शन होगा। इसमें दो सब सेक्शन होंगे। सब सेक्शन 1 में जनरल एप्टीट्यूड टेस्ट होगा जबकि सब सेक्शन 2 में लेंग्वेज टेस्ट होगा। लेंग्वेज टेस्ट में स्टूडेंट्स 19 असामान्य भाषाओं में से चुन सकते हैं जो कि सेक्शन ए में शामिल न हों।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक छात्र सीयूईटी फॉर्म में जिन भी विषयों को चयन करेंगे, वे उनके पास 12वीं में होने जरूरी हैं।
प्रश्न - कौन कौन से पेपर देने होंगे।
उत्तर - परीक्षा कुछ दिनों तक दो-दो शिफ्टों में चलेगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक पहली शिफ्ट में
स्टूडेंट को सेक्शन 1 (लेंग्वेज), चुने गए दो डोमेन विषय व जनरल टेस्ट देना होगा। सेकेंड
शिफ्ट में स्टूडेंट को चार डोमेन सब्जेक्ट व एक एडिश्नल लेंग्वेज टेस्ट (अगर चुनी है तो) का
पेपर देना होगा।
प्रश्न - किसी विशेष यूनिवर्सिटी के दाखिले के नियम क्या होंगे?
उत्तर- किसी विशेष यूनिवर्सिटी का दाखिला क्राइटेरिया अलग अलग हो सकता है। इसके लिए
डिटेल्ड जानकारी सेंट्रल यूनिवर्सिटी अपनी वेबसाइट पर जारी करेगी।
प्रश्न - कितने यूनिवर्सिटी और कोर्सेज का चुनाव कर सकते हैं?
उत्तर- इसकी कोई सीमा नहीं है। आप ड्रॉप डाउन लिस्ट से कितने भी यूनिवर्सिटी व कोर्सेज
का चयन कर सकते हैं।
प्रश्न - क्या पीजी कोर्सेज में भी सीयूईटी लागू होगा?
उत्तर- देश की बहुत सी सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने पीजी एडमिशन के लिए सीयूईटी में शामिल होने
के लिए दिलचस्पी दिखाई है। इसके बारे में एनटीए बाद में जानकारी देगा।
सीयूईटी के सहमत लोगों का तर्क-
- इससे कटऑफ की मारामारी कम होगी। बोर्ड परीक्षा में 90 प्रतिशत से ऊपर लाने का दबाव
बच्चों पर कम होगा।
सीयूईटी के खिलाफ लोगों के तर्क-
- सीयूईटी को एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम के मुताबिक कराया जाएगा। कुछ का मानना है कि
इससे उन स्कूल बोर्ड के विद्यार्थियों को नुकसान होगा जहां दूसरी किताबों से पढ़ाई कराई
जाती है।
- कोचिंग संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को नुकसान होगा- दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजेश झा ने
कहा कि सीयूईटी ग्रामीण क्षेत्रों और अन्य राज्य बोर्डों से आने वाले छात्रों के लिए नुकसानदेह
होगा। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थानों ने सीयूईटी के लिए कोचिंग देना शुरू कर दिया है।
इसका मतलब है कि शहरी क्षेत्रों के विद्यार्थियों और जिनके पास संसाधन हैं, वे लाभान्वित
होंगे।
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