होमगार्ड के 20% पद महिलाओं के लिए आरक्षित कराने की तैयारी
लखनऊ : होमगार्ड विभाग में 20 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए जाने की तैयारी है। होमगार्ड व कारागार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति की पहली समीक्षा बैठक में इस प्रस्ताव पर गहनता से विचार हुआ। साथ ही 100 दिन, छह माह व एक वर्ष की अन्य कार्ययोजनाओं पर भी मंथन हुआ, जिनमें पुलिस की तर्ज पर महिला होमगार्ड को भी मातृत्व अवकाश का लाभ दिलाने, रिक्त पदों पर जल्द भर्ती व सभी होमगार्ड स्वयंसेवकों को आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिलाने के प्रस्ताव भी शामिल हैं।
राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति गुरुवार को पहली बार होमगार्ड मुख्यालय पहुंचे और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान अपनी प्राथमिकताएं भी बताईं। कहा कि अधिकारी परिवार की तरह टीम बनाकर काम करें। होमगार्ड स्वयंसेवकों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के लिए वह अभिभावक के रूप में काम करेंगे। बैठक में लोक कल्याण संकल्प पत्र के अनुरूप महिला सशक्तीकरण पर काफी जोर रहा। सूत्रों का कहना है कि होमगार्ड के 1.18 लाख स्वीकृत पदों में 20 प्रतिशत पद महिला होमगार्ड के लिए आरक्षित किए जाने पर गहनता से विचार किया गया। साथ ही होमगार्ड के रिक्त चल रहे लगभग 32 हजार पदों को जल्द भरे जाने की कार्ययोजना पर भी विमर्श हुआ। वरिष्ठ अधिकारियों ने तर्क दिया कि कुल पदों के अनुरूप महिला होमगार्ड के लगभग 22 हजार पद आरक्षित होने से युवतियों को बड़े पैमाने पर रोजगार का अवसर मिलेगा।
ड्यूटी स्थलों पर वर्दी पहने महिला होमगार्ड की उपस्थिति से महिलाओं में सुरक्षा की भावना भी बढ़ेगी। वर्तमान में महिला होमगार्ड के लगभग चार हजार पद हैं और लगभग ढाई हजार महिला होमगार्ड हैं। रिक्त पदों पर प्रतिवर्ष लगभग पांच हजार महिला होमगार्ड व सात हजार पुरुष होमगार्ड की भर्ती की प्रक्रिया को एक वर्ष की कार्ययोजना का हिस्सा बनाने पर भी विचार हुआ। बैठक में जिन प्रस्तावों पर चर्चा की गई उन्हें 30 जून, 2022 तक मंत्री परिषद के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए तैयार करने का निर्देश भी दिया।राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति ने की पहली समीक्षा बैठक, 100 दिन, छह माह व एक वर्ष की कार्ययोजनाओं पर हुआ मंथन
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