यूपी बोर्ड पेपर लीक मामला : प्रयागराज में तैनाती के दौरान अपने कारनामे से सुर्खियों में रहे डीआईओएस ब्रजेश
यूपी बोर्ड पेपर आउट मामले में गिरफ्तार बलिया डीआईओएस ब्रजेश मिश्र जिलें में लंबे समय तक बीएसए के पद पर तैनात रहे। बसपा शासन काल में नियुक्ति के दौरान वह अपने कारनामों की वजह से विभाग में हमेशा चर्चा में रहे। यहां तैनाती के दौरान शिक्षकों के जबरन निलंबन, बहाली, तबादला और नियुक्तिों को लेकर उन पर सवाल उठते रहें हैं।
विभाग में उनकी छवि दबंग अफसर के रूप में रही। उन पर अक्सर आरोप लगते रहे कि वह नियम-कानून ताक पर रखकर काम करते हैं। उनकी अकूत संपत्ति को लेकर भी विभाग में अक्सर चर्चा होती रहती है। मूलरूप बिहार के मधुबनी जिला निवासी ब्रजेश मिश्र ने जिले में बसपा शासनकाल के दौरान 2007 में बतौर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ज्वाइन किया था। यहां कई साल तक बीएसए के पद पर रहे। चर्चा है कि यहां तैनाती के दौरान वह स्कूलों में जांच करने के लिए जाते और प्रधानाध्यापक को तुरंत निलंबित कर दूसरे को प्रधानाध्यापक का प्रभार सौंप देते थे।
शिक्षकों ने लगाए थे कई गंभीर आरोप
इस तरह की कार्रवाई में बाद में आरोप लगते कि बीएसए ने ऐसा जानबूझकर किया। इसके बाद वह निलंबित प्रधानाध्यापक को जल्द ही बहाल कर उसी विद्यालय में तैनाती दे देते थे। एक ही विद्यालय में दो-दो प्रधानाध्यापकों का वेतन निर्गत करने के भी उनपर आरोप लगते रहे। चर्चा है कि यहां तैनाती के दौरान परिवार के एक सदस्य को विद्यालय में नौकरी दिलवाई थी।
शहर के पॉश इलाके में उनका अपार्टमेंट भी है। यहां उनका फार्म हाउस होने की भी चर्चा है। दबी जुबान विभाग के कर्मचारी और अधिकारी भी मानते हैं कि ब्रजेश की अकूत संपत्ति है।विभागीय लोग बताते हैं कि उनकी अच्छी राजनीतिक पकड़ है। इसी वजह से वह अक्सर मनमाने निर्णय लेते थे, जो बाद में विवादों की वजह बन जाते थे।
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